Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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हरिभद्र की कथानक योजना की विशेषताएं कथानकों का विश्लेषण
२०६
पंचम प्रकरण ।
हरिभद्र की प्राकृत कथाओं के संवाद तत्त्व और शील स्थापत्य २१३--२४४ संवाद या कथोपकथन
२१३ कथोपकथन का वर्गीकरण
२१३ विश्लेषण गोष्ठी संवाद
२१८ आपसी वार्तालाप
२१८ शील स्थापत्य हरिभद्र के शील स्थापत्य की विशेषताएं
२२८ शील निरूपण में परिस्थितियों का योग चरित्र विकास में अन्तर्द्वन्द्व पात्र और शीलपरिपाक
२३२ हरिभद्र के शील निरूपण के प्रकार
२४४
२२७
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षष्ठ प्रकरण
२४५--२८६
२४५
लोक कथातत्त्व और कथानक रूढियां
लोक कथातत्त्व लोक कथाओं की विशेषताएं लोक कथा के तत्त्व प्रेम का अभिन्न पुट स्वस्थ श्रृगारिकता मूलवृत्तियों का निरन्तर साहचर्य लोक मंगल धर्मश्रद्धा आदिम मानस रहस्य
२४६ २४७ २४९
२५०
२५०
२५०
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