Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
View full book text
________________
१६४
१६८
१७०
१७२
१७५ १७५
पंचम भव की कथा--आलोचनात्मक विश्लेषण षष्ठ भव की कथा--आलोचनात्मक विश्लेषण । सप्तम भव की कथा--आलोचनात्मक विश्लेषण अष्टम भव की कथा--आलोचनात्मक विश्लेषण नवम भव की कथा--आलोचनात्मक विश्लेषण धूर्ताख्यान--आलोचनात्मक विश्लेषण धूर्ताख्यान की कथा द्वारा अभिव्यंजित तथ्य लघु कथाएं--वर्गीकरण घटना प्रधान कथाओं का विश्लेषण चरित प्रधान कथाओं का विश्लेषण भावना और वृत्ति प्रधान विश्लेषण व्यंग्य प्रधान विश्लेषण बुद्धि चमत्कार प्रधान विश्लेषण प्रतीक प्रधान कथाएं मनोरंजन प्रधान कथाएं नीति प्रधान कथाएं प्रभाव प्रधान कथाओं का विश्लेषण
चतुर्थ प्रकरण
१७७ १८१ १८२
१८२
१८३
१८४
१८६
१८७
कथास्रोत और कथानक
१८७ -२१२ कथानक स्रोत वसुदेवहिण्डी और समराइच्चकहा
१८८ उवासगदशा और समराइच्चकहा
१९५ विपाकसत्र, उत्तराध्ययन, नायाधम्मकहा और समराइच्चकहा १९५-१९६ महाभारत और हरिभद्र की प्राकृत कथाएं
१९६ जातक कथाएं और प्राकृत कथाएं गुणाढ्य की वृहत्कथा और प्राकृत कथाएं नाटक ग्रन्थ, दशकुमार चरित, कादम्बरी और हरिभद्र की
प्राकृत कथाएं। कथानक गठन
२०५
१९७
२०२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org