Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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द्वितीय प्रकरण प्राकृत कथाओं के विविधरूप और उनका स्थापत्य
१०५--१४६ प्राकृत कथाओं का वर्गीकरण
१०५ वर्ण्यविषय की दृष्टि से कथाओं के भेद अर्थकथा का विवेचन कामकथा का स्वरूप
१०७ धर्मकथा का निरूपण
१०८ धर्मकथा के भेद और उनका सोपपत्तिक स्वरूप संकीर्ण कथा
११३ पात्रों के प्रकार के आधार पर कथाओं के भेद और स्वरूप ११५ भाषा के आधार पर प्राकृत कथाओं का वर्गीकरण स्थापत्य के आधार पर वर्गीकरण सकल कथा खंड कथा
११८ उल्लावकथा
११८ परिहास कथा
११८ हेमचन्द्र के अनुसार प्राकृत कथाओं के भेद और उनका
विवेचन । डा० ए० एन० उपाध्ये के अनुसार कथाओं के प्रमुख पांच ११९
भेद और उनका स्वरूप । प्राकृत कथाओं का स्थापत्य
१२१ स्थापत्य की व्याख्या और रीति का विवेचन
१२२ वक्ता-श्रोता रूप कथा प्रणाली
१२३ पूर्वदीप्ति प्रणाली
१२४ कालमिश्रण कथोत्थ प्ररोह शिल्प
१२६ सोद्देश्यता
१२७ अन्यापदेशिकता राजप्रासाद स्थापत्य
१२८ रूपरेखा की मुक्तता
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१२५
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