Book Title: Gurupad Puja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Shah

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Page 28
________________ गुरुपदपूजा शास्त्रविशारदजैनाचार्ययोगनिष्ठश्रीमद्बुद्धिसागर सूरीश्वरपूजा. प्रथमा जलपूजाक दुहा. स्यावादना शोभिता, तीर्थकर शिरताज; महावीर महाराजने, प्रेमे प्रणमुं आज ॥१॥ जयशाली जिनधर्मनी, सत्कीर्तिना स्तंभ स्वामी सुधर्मा विराजता, गुरु गणधर गुणवंत. ॥२॥ परंपरामां तेमनी, हीरविजयसूरिराज; अनुक्रमे पछी उपज्या, रविसागर सुख साज. ॥३॥ सुखना सागर सद्गुरु, सुखसागर शोभाय; मुनिवर महाप्रभावना, बुद्धिसिन्धु सदाय. ॥४॥ पूजा रचुं हुं प्रेमथी, सद्गुरु करो कृपाय: सफल करो मुज वाणीने,जन्म मरण मटि जाय. ॥५॥ ढाल-ओधा अमने हरि तो व्हाला. ए राग. बुद्धिसागर गुरुजीनी बलिहारी, वारे वारे प्रेमथी जाउं वारी. बुद्धि० ए टेक० गुजरातनो प्रांत उत्तर सारो, Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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