Book Title: Gurupad Puja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Shah

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Page 74
________________ ६३ ॥५॥ ॥७॥ मफल करीए अवतारनेरे; __ मफल कयों अवतार गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. मफल करी कुख मातनीरे; मफल कर्यो संसार गुरुदेव, ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. योगनी युक्ति जाणी हमेरे; तेम समाधिनो योग, गुरुदेव : क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. आत्मस्वरूप हमे ओलख्युर; योग गण्या अवयोग, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. दर करी जग वांच्छनारः दर कर्या हता दोष, गुरुदेव : क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. परवरिया प्रेम पंथमार; जोष जोया निर्दोष, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. अजिनसागर मूरि विनवेरे; बुद्धिसागर मूरिराय, गुरुदेव ! क्यारे दर्शन हवे आपशोरे. ॥८॥ ॥१०॥ ॥११॥ www.umaragyanbhandar.com Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat

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