Book Title: Gurupad Puja
Author(s): Ajitsagarsuri
Publisher: Shamaldas Tuljaram Shah

View full book text
Previous | Next

Page 71
________________ ६० सोरठी. सद्गुरुनी थइ याद, मन तन व्याकुल थाय छे; निर्मल आप प्रताप, स्वीकारो अम अंजलि. १८ श्री गुरुनी स्तुति. सहेरनो सूबो क्यारे आबशेरे-ए राग. जन्मभूमि धन्य आपनीरे; पवित्र विजापुर गाम मूरिराज ! धन्य कर्यो अवतारनेरे० टेक० मोक्षना दाता महातमारे; बुद्धिसागर रुडुं नाम. मूरिराज ! धन्य कर्यो अवतारनेरे० मूर्ति मधुरी मनमोहिनीरे: आवे अहोनिश याद. मूरिराज ! धन्य कर्यो अवतारनेरे ० अजपा जाप जप्यातमेरे; कबजे कर्या जगतात. मूरिराज ! धन्य कर्यो अवतारनेरे ० उत्तम आव्यां वधामणांरे; करता हता ज्यां विहार. मूरिराज ! ॥९॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat 11211 ॥२॥ ॥३॥ धन्य कर्यो अवतारनेरे० ||४|| www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122