Book Title: Charge kare Zindage
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 20
________________ बच्चों के अभद्र व्यवहार, बुरी आदत और गलत संगत पर अंकुश रखें। कहीं ऐसा न हो कि आप उन्हें महाविद्यालय भेज रहे हों, पर वे गलत संगत के कारण किसी तरह के अपराधी या बलात्कारी बन जाएँ और कारागार में चक्की पीसने के अलावा उनके पास कोई भविष्य ही न बचे। बच्चे आपके कहे पर गौर करें या न करें, पर वे आपकी भाषा, आदत तथा तौर-तरीकों को जीवन में ढालने से नहीं चूकेंगे। आप अपने से छोटों का भी सम्मान करें। अपनी पत्नी और अपने नौकर तक को भी 'आप' तथा नाम के साथ 'जी' लगा कर बोलें ताकि आपका बच्चा 'सम्मान' की मान-मर्यादा सीख सके। Jain Educationa international For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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