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साँसों के समुद्र में डूबते जाएँ
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स्वयं की आध्यात्मिक सच्चाइयों से रू-ब-रू होने का मार्ग है ध्यान। ध्यान धर्म भी है, विज्ञान भी। यह व्रत भी है और विकास का द्वार भी। - ध्यान वह विज्ञान है जिससे अशांति, उद्वेग, आक्रोश और विकारों से घिरे मन का समाधान निकल सकता है। ध्यान क्रिया नहीं है। यह सारी क्रियाओं के शान्त होने पर
घटित होता है। - सचेतन प्राणायाम ध्यान का प्रवेश द्वार है। साँसों को शांत
गति से गहराई देते चलना प्राणायाम है।
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