Book Title: Charge kare Zindage
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 95
________________ का प्रयासपूर्वक किया गया ध्यान एकाग्रता है, अनायास घटित होने वाली एकाग्रता ध्यान है। ध्यान एक तरह का मौन है, शांति है, आनंद है, बोध है। जब हम आनंद में होते हैं, तब हम अपने अस्तित्व में ही होते हैं। का ध्यान बुद्धि की गुफा में प्रवेश है। हम बुद्धि की गुफा में प्रवेश करने से पूर्व हृदय के द्वार खोलें । हृदय सत्य का द्वाररहित द्वार है। हम साँसों के जरिए हृदय में उतरते जाएँ, दोनों काखों के मध्य क्षेत्र में व्याप्त होते जाएँ। हृदय शांति का धाम है। वहाँ स्वर्ग जैसी शांति है। स्वर्ग का रास्ता वास्तव में हृदय से ही खुलता है। का ध्यान आनंद, आह्लाद और अहोभाव का अनुभव है। यह फूलों की खिलावट की तरह है। साक्षीत्व ध्यान की आत्मा है। ध्यान में हम थोड़े-थोड़े नहीं जा सकते। इसमें जब भी प्रवेश होता है समग्रता से होता है। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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