Book Title: Charge kare Zindage
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 96
________________ - ध्यान में जीने वाले महल में रहें या जंगल में, इससे उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता। वे संसार के प्रति प्रेम और करुणा से भर उठते हैं। वे जहाँ होते हैं उनकी शांति और दिव्यता से वातावरण चार्ज रहता है। ध्यान को सरलता से जीने के लिए क्यों न अपने हर कार्य को ध्यानपूर्वक करने की आदत डाली जाए। ध्यानपूर्वक खाइए, ध्यानपूर्वक कार चलाइए, ध्यानपूर्वक दाढ़ी बनाइए और ध्यानपूर्वक सोइए। ध्यान को हर क्रिया के साथ जोडिए, ध्यान हमें हर क्रिया का आध्यात्मिक परिणाम देगा। - ध्यान की एक बैठक 30 मिनट की कीजिए, एकांत-शांत वातावरण में बैठिए, बाहर-भीतर से मौन और अन्तरलीन होते जाइए, ध्यान का आभामण्डल आपको स्वतः आनंदित और सत्यबोध से भरता जाएगा। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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