Book Title: Charge kare Zindage
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 39
________________ अगर समस्या एक तरीक़े से न सुलझे तो दूसरा तरीका अपनाएँ, दूसरा तरीक़ा कारगर न हो, तो तीसरे और चौथे तरी का इस्तेमाल करें। कोशिश तब तक जारी रखें जब तक जीत आपकी झोली में न आ जाए। मुश्किलें पहाड़ीनुमा है तो क्या हुआ ? हम मानसिक रूप से इतने ऊँचे उठ जाएँ कि हवाई जहाज़ बनकर मुश्किलों के उस ऊँचे पर्वत को भी लाँघ सकें। ■ अपने उत्साह को ठंडा मत होने दीजिए। हार मानना पूर्ण पराजय को न्यौता देना है। और पूर्ण पराजय तब तक मत मानिए जब तक ज़िगर में साँस है। अनेक बार हम हार मानने की जल्दबाज़ी कर बैठते हैं। यह साल बेकार गया तो क्या हुआ, ज़िन्दगी अभी बाकी है। उगते सूरज के साथ व्यायाम और प्राणायाम करके ख़ुद में ऊर्जा का संचार कीजिए और 'आधा मटका पानी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only 38 www.jainelibrary.org

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