Book Title: Charge kare Zindage
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 58
________________ 5. आमदनी को लेकर अपना सरदर्द मत बढ़ाइए। खर्चों की चादर उतनी ही फैलाइए जिससे मानसिक सुखशांति के पाँव ढके रह सकें। 6. बच्चों की शादी पर इतना भी खर्च मत कीजिए कि आपकी दस साल की कमाई केवल दो दिन की शानो-शौकत में खर्च हो जाए। दूसरों की बराबरी मत कीजिए, अपनी औकात को ध्यान में रखकर ही व्यवस्थाओं को अंजाम दीजिए। 7. कर्ज़ न लेना श्रेष्ठ है, पर यदि संकट की घड़ी में कर्ज लेना ही पड़ जाए तो अपनी साख मत गिरने दीजिए और रोज़ की बचत करके, तय समय के भीतर कर्ज़ चुका दीजिए। अगर आपने ऐसा न किया तो आप ब्याज के बोझ से कभी उबर न पाएँगे। 8. जीवन में कब किस स्थिति का सामना करना पड़ जाए इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। रोग, आग तथा Rem भारतीय रिजर्व बैंक RVEHUDPER PME RRORED RUPEES go PME HUNDRED MUFEES HVE HUNDRED RIPELE U - FIVE HUTORE RUPEES NEHLATED SUPEES Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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