Book Title: Charge kare Zindage
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 30
________________ पत्नी गृहलक्ष्मी तो पति गृहपति आपकी पत्नी आपके दिल की देवी, मनमीत और जीवन के हर क़दम पर सुख-दुःख की सहधर्मिणी है। आप देव हैं या नहीं, यह आप जानें, पर वह आपकी देवी अवश्य है। कहने के नाम पर वह आपके जीवन का बाँया हिस्सा है, पर हक़ीक़त में उसके इर्द-गिर्द ही संसार का स्वर्ग है। - पत्नी मात्र पत्नी नहीं होती, उसमें त्रिवेणी संगम है। खाना . खिलाते वक़्त वह माँ की भूमिका अदा करती है, स्नेह की बौछार लुटाते वक़्त वह बहिन की भूमिका निभाने लग जाती Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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