________________ भीमसेन चरित्र ____ मानव मन अत्यन्त चंचल है। साथ ही उतना ही कोमल भी। अतः प्रायः उस पर अच्छी बुरी बातों एवं घटनाओं का बहुत असर पड़ता है। इसी कारण क्षण में वह आनन्द की अनुभूति करता है तो दूसरे ही क्षण शोक में मग्न दिखाई देता है। . प्रियदर्शना एवं गुणसेन के मन मस्तिष्क पर भी शुभ स्वप्न के फलादेश का अत्यधिक प्रभाव पड़ा। फलतः दोनों ही भौतिक सुखों को भोगते हुए आनन्द पूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे थे। और फिर राजकुल में आनन्द के अन्यान्य साधनों की भला कहाँ कमी होती है? आज उपवन भ्रमण तो, कल जल-विहार का अनोखा आनन्द। प्रातः सागर-स्नान तो सायं अश्वारोहण का मजा। नाच-गाने, गीत-संगीत, नाटक काव्य, विनोद आदि सभी कुछ तो सुलभ था। इन सब की चिन्ता उन्हें नहीं थी, ना ही किसी प्रकार की कोई कमी थी। जब व्यक्ति प्रमुदित होता है तो उस मस्ती में वह अपने को सुल्तान से कम नहीं समझता और उसका समय किस प्रकार व्यतीत हो जाता है उसकी उसे खबर तक नहीं होती। प्रियदर्शना और गुणसेन का समय भी इसी भाँति पंख लगा कर उड़ रहा था। दोनों ही आमोद प्रमोद में लीन थे। भौतिक सुख भोगने के साथ साथ वह धर्म की आराधना और प्रभु-भक्ति में सदा निमग्न रहते थे। OSHIAR mara: ट, र / धर्मध्यान-आराधना-नमस्कार महामंत्र के जापमय दैनिक जीवन यापन कर, गर्भस्थ शिशु का पालन करती हुई रानी। Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC. Gunratnasuri M.S.