________________
भाषााभास्कर
१०२ जिन भाववाचक शब्दों के अंत में आव त्व पन वा पा हो वे सब के सब पुल्लिङ्ग हैं । जेसे चढ़ाव बिकाव मिलाव मनुष्यत्व स्त्रीत्व पशुत्व लड़कपन सीधापन बुढ़ापा इत्यादि ॥ . १०३ जिन भाववाचक शब्दों के अंत में आई ता वट वा हट हो वे स्त्रीलिङ्ग हैं। जैसे अधिकाई चतुराई भलाई उत्तमता कोमलता मित्रता बनावट सजावट चिकनाहट चिल्लाहट इत्यादि ॥ __१०४ सामासिक शब्दों का लिङ्ग अन्त्य शब्द के लिङ्ग के अनुसार होता है । जैसे स्त्रीलिङ्ग यह शब्द पुल्लिङ्ग हे इस कारण कि लिङ्ग शब्द पुल्लिङ्ग हे वैसे ही दयासागर पुल्लिङ्ग है इस कारण कि यद्यपि दया शब्द स्त्रीलिङ्ग हे तथापि अन्त्य शब्द अर्थात सागर पुल्लिङ्ग है ॥
अथ स्त्रीलिङ्ग प्रत्यय ॥ १०५ आकारान्त पुल्लिङ्ग शब्दों के अन्त्य आकार को प्रायः ईकार करने से स्त्रीलिङ्ग बन जाता है। कहीं २ आकार के स्थान में इया हो माता है और यदि अंत्याक्षर द्वित्व हो तो एक व्यंजन का लोप हो जाता है। यथा पुल्लिङ्ग।
स्त्रीलिङ्ग। गधा
गधी घोड़ा
घोड़ी चेला
चेली भांना
भांजी कुत्ता
कुत्ती वा कुतिया १०६ हलन्त* पुल्लिङ्ग शब्दों के अन्त्य हल से ई को मिला करके स्त्रीलिङ्ग बना लो । जैसे पुल्लिङ्ग ।
स्त्रीलिङ्ग। अहीर
अहीरी तरुन
तरुनी * चेत रखना चाहिये कि हिन्दी भाषा में अकारान्त शब्द प्रायः इलन्त के समान उच्चरित होते हैं।
.
Scanned by CamScanner