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भाषाभास्कर
१०
O
प्रस्तार छन्द
प्रस्तार ५४६०५५८१३.८८
३५१८४३०२०८८.३२ ४० १०६६५११६२८००६
००३६८०४४१७०६६४ २१६६०२३२५५५५२
१४०७३०४८८६५५३२८ ४३६८०४६५१११०४ ४८
२८१४०४६०६०१०६५६ ८७६६०६६०२२२०८
५६६४६६५३४२१३१२ १०५६२५८६०४४४१६ | ५० ५१२२८६६६०६८४-६२४
ऐसे ही और भी जाना ॥ अब उनके प्रस्तार के स्वरूप निकालने की रीति लिखते हैं ॥ (१३) जो जिसका रूप है उस में पहिले गुरु के स्थान में लघु लिखदे फिर ज्योंका त्यों बना रहनेदे इसी प्रकार जहां लों सब लघु न हो जाय तब तक लिखता चला जाय । जैसा आगे के चक्र में कुछ उदाहरण के लिये लिखा है ॥
छन्द | भेद उक्ता
वर्ण
अत्युक्ता
३
मध्या
८
। 55 २
।
।
४
।
5 । ६
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