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प्रब
तब
कब
जब
श्राज
कल
फिर
यहां
वहां
कहां
जहां
तहां
इधर
अकस्मात
अचानक
अर्थात
केवल
क्या
ज्यों
त्यां
झटपट
ठीक
तथापि
प्रति
अत्यन्त
Scanned by CamScanner
भाषाभास्कर
कालवाचक |
परसें
तरसें
नरसे
तड़के
सवेरे
प्रातः
सदा
स्थानवाचक ।
उधर
किधर
जिधर
तिधर
वार
पार
भाववाचक ।
निकट
निरन्तर
यद्यपि
यथार्थ
वृथा
यों
परस्पर
शीघ्र
सचमुच
तमेत
परिमाणवाचक |
कुछ बिरले
सर्वदा
निदान
वारंवार
तुरन्त
पश्चात
एकदा
सनातन
आसपास
सर्वच
निकट
समीप
नेरे
दूर
निरर्थक हां
foll
अवश्य
तो
भी
न
नहीं
ਸਰ
मानों
स्वयं
एकबेर
दोबेर
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