Book Title: Bhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Author(s): Ethrington Padri
Publisher: Ethrington Padri

View full book text
Previous | Next

Page 58
________________ भाषाभास्कर हो सामान्यभंत २१६ अकर्मक क्रिया के धातु दो प्रकार के होते हैं एक स्वरान्त दसरा व्यंजनान्त । अब उन क्रियाओं का उदाहरण जिनका धातु स्वरान्त होता है होना क्रिया के समस्त रूपों में लिख देते हैं । होना क्रिया के मुख्य भाग ॥ २१० . धातु हेतुहेतुमसत होता हुआ २१८ पहिले सामान्यभत और जिन कालों की क्रिया उस से निकलती हैं उन्हें लिखते हैं। १ सामान्यभत काल । कता-पुल्लिङ्ग एकवचन । उत्तम पुरुष मध्यम ॥ तू हुआ । तुम हुए अन्य ॥ वह हुआ कती-स्त्रीलिङ्ग बहुवचन । 920 hey hom hem Momote cho Phận तुम हुईं Đ २ पूर्णभूत काल कती-पुल्लिङ्ग में हुआ था तू हुआ था वह हुआ था का-स्त्रीलिङ्ग ou so sog hem 1669 55 EMEER में हुई थी SALSORasha Scanned by CamScanner

Loading...

Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125