Book Title: Bhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Author(s): Ethrington Padri
Publisher: Ethrington Padri

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Page 63
________________ भाषाभास्कर । में रहता तुम रहते कता-स्त्रीलिङ्ग में रही होऊंगी हम रही होगी तू रही होवेगो तुम रही है।ओगा वा होगी वह रही होवेगी वे रही होवेंगो २२३ हेतुहेतुमदत और जिन कालों की क्रिया उस से निकलती हैं उन्हें लिखते हैं। १ हेतुहेतुमद्त काल । कता-पुल्लिङ्ग हम रहते तू रहता वह रहता धे रहते कती-स्त्रीलिङ्ग में रहती हम रहती तू रहती तुम रहती वह रहती वे रहती २ सामान्य वर्तमान काल । कता-पुल्लिङ्ग हम रहते हैं तू रहता है तुम रहते हो वह रहता है वे रहते हैं ___ कर्ता-स्त्रीलिङ्ग में रहती हूं हम रहती हैं तू रहती है तुभ रहती हो वह रहती है व रहती हैं ३ अपर्णभूत काल । कता-पुल्लिङ्ग में रहता था हम रहते थे तू रहता था तुम रहते थे बह रहता था वे रहते थे में रहता हूं Scanned by CamScanner

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