Book Title: Bhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Author(s): Ethrington Padri
Publisher: Ethrington Padri

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Page 66
________________ भाषाभास्कर Android ___२ आसन्नभूत काल । कर्म-पुल्लिङ्ग और एकवचन । कर्म-पुल्लिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाया है मैंने वा हमने पाये हैं तने , तुमने पाया है तने , तुमने पाये हैं उसने, उन्हों ने पाया है उसने , उन्हों ने पाये हैं कर्म-स्त्रीलिङ्ग और एकवचन । कर्म-स्त्रीलिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाई है मैंने वा हमने पाई हैं तने , तुमने पाई है तने , तुमने पाई हैं उसने, उन्हों ने पाई है उसने , उन्हों ने पाई हैं ३ पर्णभत काल । कर्म-पुल्लिङ्ग और एकवचन । कर्म-पुल्लिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाया था मैंने वा हमने पाये थे तूने , तुमने पाया था तने , तुमने पाये थे उसने , उन्हों ने पाया था उसने , उन्हों ने पाये थे कर्म-स्त्रीलिङ्ग और एकवचन। कर्म-स्त्रीलिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाई थी मैंने वा हमने पाई थी तूने , तुमने पाई थी तूने , तुमने पाई थीं उसने , उन्हों ने पाई थी उसने , उन्हों ने पाई थीं ४ संदिग्धभत काल । कर्म-पुल्लिङ्ग और एकवचन । कर्म-पुल्लिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाया होऊंगा मैंने वा हमने पाये होगे तूने , तुमने पाया होगा तूने , तुमने पाये होओगे उसने, उन्हों ने पाया होगा उसने , उन्हें ने पाये होवेंगे कर्म-स्त्रीलिङ्ग और एकवचन । कर्म-स्त्रीलिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाई होऊंगी मैंने वा हमने पाई होवेंगी तूने , तुमने पाई होगी तूने , तुमने पाई होगी उसने , उन्हों ने पाई होगी उसने , उन्हों ने पाई होवेंगी २२० हेतुहेतुमद्धत और जिन कालों की क्रिया उस से निकलती है इन्हें लिखते हैं। Scanned by CamScanner

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