Book Title: Bhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Author(s): Ethrington Padri
Publisher: Ethrington Padri

View full book text
Previous | Next

Page 34
________________ भाषाभास्कर B ब कर्म करण सम्प्रदान अपादान सम्बन्ध अधिकरण सम्बोधन कारक । कती कर्म करण सम्प्रदान अपादान सम्बन्ध अधिकरण सम्बोधन रेणुओं को बन्धुओं को बन्य से बन्धुओं से बन्ध को बन्धुओं को बन्ध से बन्धओं से बन्ध का-के-की बन्धओं का-के-की बन्धु में बन्धओं में हे बन्धु . हे बन्धुओ। १२६ ह्रस्व उकारान्त स्त्रीलिङ्ग रेणु शब्द । एकवचन । बहुवचन । रेणु वा रेणु ने रेणु वा रेणुओं ने रेणुओं को रेणुओं से रेणु को रेण से रेणुओं से रेण का-के-की रेणओं का-के-की रेणुओं में हे रेणु हे रेणुओ ॥ १२० एकारान्त पुल्लिङ्ग दुबे शब्द । बहुवचन । दुबे वा दुबे ने दुबे वा दुबेओं ने दुबेओं को दुबेओं से टुबेत्रों को दुबेत्रों से दुबे का-के-की दुबेओं का-के-की दुबेत्रों में है दुबेओ। रेणु में कारक। एकवचन । कती ) कर्म ) ) करण सम्प्रदान अपादान सम्बन्ध अधिकरण सम्बोधन R999999900 ) Scanned by CamScanner

Loading...

Page Navigation
1 ... 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125