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भाषाभास्कर
का आप शब्द कती रहेगा वह अवश्य बहुवचनान्त होगी कमी से बहवचन में बहुत्व प्रकाशित करने के लिये लोग शब्द. लगा देते हैं । जैसे कारक। एकवचन ।
बहुवचन । का
आप वा आप ने आप लोग वा आप लोगों ने कर्म श्राप को
आप लोगों को करण आप से
आप लोगों से सम्प्रदान आप को
आप लोगों को अपादान आप से
आप लोगों से सम्बन्ध
आप का-के-की आप लोगों का-के-की अधिकरण आप में
आप लोगों में ॥ १०१ प्रायः मध्यमपुरुष के बदले आदर के लिये आप शब्द आता हे परंतु अन्य पुरुष के निमित्त भी इसका प्रयोग होता है उसकी विद्यमानता के रहते हाथ बढ़ाने से समझा जाता है कि मध्यम नहीं पर अन्यपुरुष की चर्चा हो रही है ॥
१०२ आप शब्द निज का भी वाचक होके संज्ञाओं का विशेषण होता हे का कारक जैसे मैं आप बालंगा तुम आप कहे। लड़के आप आये हैं। इत्यादि ॥ । १०३ जब कर्ता के साथ आप शब्द आता है तब उसका कुछ विकार नहीं होता परंतु शेष कारकों में आप को अपना आदेश कर देते हैं और उस से निज का सम्बन्ध समझा जाता है और उसके रुप भाषा के आका- . रान्त शब्द की रीति पर होते हैं। जैसे कारक।
एकवचन । कता
आप कर्म
अपने को करणा
अपने से सम्प्रदान
अपने को अपादान
अपने से सम्बन्ध
अपना-ने-नी अधिकरण
अपने में ॥
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