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बौद्ध और जैनदर्शन के विविध आयाम आचार ही महत्त्व का परिबल है । मूल्यनिष्ठा के कारण व्यक्ति और समष्टि का पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
___ व्यक्ति की आंतरिक विशुद्धि ही प्राकृतिक और सामाजिक जीवन में संवादिता की स्थापना कर सकती हैं । यह संवादिता ही पर्यावरण विशुद्धि का पर्याय भी बन सकती हैं। Ecology शब्द का गृहितार्थ :
__Ecology शब्द मूलत: ग्रीक 'oikos' पर से बना हैं । इसका अर्थ है 'परिवार का संबंध' - 'पारिवारिक संबंध' । यह ग्रीक शब्द भी संस्कृत शब्द 'औकस' से बना है, इसका अर्थ है गृह (घर) । इकोलोजी को इससे व्यापक अर्थ में समझने से हम 'वसुधैव कुटुंबकम्' के सत्य का साक्षात्कार कर पायेंगे । जैसें गौतम बुद्धने कहा है : सुखिनो वा खेमिनो होन्तु, सब्बे सत्ता भवन्तु सुखितत्ता । इस सृष्टि में सब परस्पर संलग्न है, ऐसी मान्यता इकोलोजी का वैज्ञानिक आधार है। इकोलोजी (संतुलनशास्त्र-जीवविज्ञान) का प्रत्यक्ष संबंध जीवंत व्यवस्था (order) के साथ है। सृष्टि में पृथक् पदार्थ की घटना का अस्तित्व नहीं है, सब परस्परावलंबित है। तृण, वृक्ष, कीटाणु से लेकर बृहद्काय प्राणियों-पक्षियों आदि का अस्तित्व अन्योन्य आधारित है । शृंखला की एक कडी को निकाल लेने से उसका सातत्य नष्ट हो जाता है । इस तरह प्राकृतिक परिवेश और मानवजीवन का सूक्ष्म और स्थूल स्तर पर जो अविनाभावी संबंध है वह प्रगाढ रूप से परस्पर अवलंबित है। इकोलोजी शब्द के मूलभूत अर्थ संदेश पारिवारिक संबंध है। मनुष्य आज वैज्ञानिक सिद्धियों में मदहोश होकर जिस तरह प्रकृति के नियमों की अवगणना करके प्राकृतिक परिवेश को उजाड रहा है, इससे पर्यावरण में असमतुला होती जा रही हैं । यही मदहोशी के माहोल (स्थिति) में मनुष्य-मनुष्य के बीच होती जा रही है । जीवन में सनापन बढता जा रहा है। मानो सब तरह से पर्यावरण - आंतरिक और बाह्य दृष्टि से भी दूषित हो रहा है। ___सांप्रत समय की ऐसी परिस्थिति में गौतम बुद्धने प्राकृतिक परिवेश के ज्यादा से ज्यादा संदर्भ देकर अहिंसा, करुणा और मैत्रीभावना का जो माहात्म्य हमें समझाया है, जीने का तरीका दिखाया है, बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, निगूढ अंधकार में प्रज्वलित दीपक के समान है। वह प्राकृतिक पर्यावरण के साथ हमारे आंतरिक (चैतसिक)
और सामाजिक पर्यावरण को भी परिशुद्ध रखने में सक्षम हैं, वह उसका सहज ही परिणाम हैं।