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(होता)? [5] क्या बालक के लिए सम्यक्त्व नहीं हुआ ? क्या बालक के लिए इष्टवियोग नहीं (हुआ) ? [6] क्या बालक के लिए जरा-मरण नहीं आता है ? क्या बालक के लिए यमराज दिन भूल जाता है ? [7] उसको सुनकर (राजा के द्वारा) भरत झिड़का गया (कि) तब (तुम्हारे द्वारा) पहले राजपट्ट (सिंहासन) क्यों स्वीकार किया गया ? [8] इस समय (तो) (तुम्हारे द्वारा) सम्पूर्ण राज ही किया जाना चाहिए (और) (जीवन के) पिछले भाग में फिर तप का आचरण किया जाना चाहिए।
घत्ता-इस प्रकार कहकर पत्नी के वचन को पूरा करके (और) भरत को पट्ट बाँधकर (राजा) दशरथ प्रव्रज्या के लिए चले गए ।
अपभ्रंश काव्य सौरभ ]
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