Book Title: Anuyogdwar Sutram Tika
Author(s): Haribhadrasuri,
Publisher:
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीअनुसतप्पमाणो तिरियभागठियत्तणओ तिरियलोगो, ' अब अहो परिणामो ग्वत्तणुभावेण जेण उस्सणं / असुभो अहोत्ति भणिओ दव्वाणं तेण-18/औपनिधिहारि.वृत्ती ऽहोलोगो // 1 // उइंति उवरिमंति य सुहखेत्तं खेत्तओ य दव्वगुणा / उप्पज्जति य भावा तेण य सो उड्डलोगो त्ति // 2 // मज्झणुभावं की क्षेत्रानु॥५०॥ खेत्तं जं तं तिरियं वयणपज्जयओ / भण्णइ तिरिय विसालं अतो य तं तिरियलोगोत्ति // 3 // अहोलोक क्षेत्रानुपूर्व्या रत्नप्रभादीनाम- पूर्वी तियेनादिकालसिद्धानि नामानि यथास्वममूनि विज्ञातव्यानि, तद्यथा-'धम्मा वंसा सेला अंजण रिट्ठा मघा च माघवती / पुढवीणं नामाई रयणादी द ग्लोकादि होति गोत्ताई // 1 // ' रत्नप्रभादीनि तु गोत्राणि, तत्रेन्द्रनीला दिबहुविधरत्नसंभवान्नरकवर्ज प्रायो रत्नानां प्रभा--ज्योत्सना यस्यां सा रत्नप्रभा, एवं शेषा अपि यथानुरूपा वाच्या इति, नवरं शर्कग--उपलाः वालुकापंकधूमकृष्णातिकृष्णद्रव्योपलक्षणद्वारेणेति, तिर्यग्लोकक्षेत्रानुपूजंबुद्दीवे दीवे लवणसमुद्दे धायइसंडे दीवे कालोदे समुद्दे उदगरसे पुक्खरवरदीवे पुक्खरोदे समुद्दे उदगरसे वरुणवरे दीवे वरुणोदे समुद्दे वरुणरसे खादवरे दीवे खोदोदे समुहे घयवरे दीवे घओदे समुद्दे खीरवरे दीवे खीरवरे समुद्दे, अतो परं सव्वे दीवसरिसणामिया समुद्दा, ते य सव्वे खोदरसा भाणियव्वा / इमे दीवणामा, तंजह--गंदीसरो दीवो अरुणवरो दीवो अरुणाबासो दीवो कुंडलो दीवो, एते जंबूदीवाओ णिरंतरा, अतो परं असंखेज्जे गंतुं भुजगवरे दीवे, पुणो असंखेज्जे दीवे गंतुं कुसवरे दीवे, एवं असंखेज्जे 2 गतुं इमेसिं एक्ककं णामं भाणियव्वं, कोंचवरे दीवे, एवं आभरणादओ जाव अन्ते सयंभूरमणो, से अन्ते समुद्दे उदगरसे इति / जे अन्तरंतरा दीये तेसि इहं सुभणामा जे केइ या तण्णामाणो ते भाणितव्वा, सव्वेसि इमं पमाण, ' उद्धारसागराणं अड्डाइज्जाण जत्तिया समया / दुगुणादुगुणपवित्थर दीवोदहि रज्जु एवइया 81 // 50 // 1 // ऊर्वलोकक्षेत्रानुपूया तु सौधर्मावतंसकाभिधानसकलविमानप्रधानविमानविशेषोपलक्षितः सौधर्मः, एवं शेषेष्वपि भावनीयमिति, लोकपुरुषग्रीवाविभागे भवानि अवेयकानि, न तेषामुत्तराणि विद्यत इत्यनुत्तराणि, मनाग्भाराकान्तपुरुषवत् नता अंतेषु ईषत्प्राग्भारेत्यलं प्रसंगेन | REASCARRIAGRAM For Private and Personal Use Only

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