Book Title: Anuyogdwar Sutram Tika
Author(s): Haribhadrasuri,
Publisher:
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - श्रीअनुकाएको पण दो छ एक्कक्कगो य अटेव / दो दो णव सत्तेव य ठाणाई उवरि हुंताई // 2 / / अहवा इमो पढमक्खरसंगहो-छत्ति तिसु प्पण तिच हापंचमषष्ठहारि.वृत्ता पत्तिण पसति तिच छ दुचएपद्ध। छएए अबे बेणस पढमक्खरसंगता ठाणा // 1 // एते उण णिरभिलप्पा को डीहि वा कोडाकोडीहिं वत्तिकाउं वगेगुणना // 96 // सिं पुण पुष्वपुव्वंगेहिं परिसंखार्ण कीरति, चउरासीति सतसहस्साई पुव्वंग भण्णति, एयं एवइतेणं चेव गुणितं पुब्वं भण्णइ, तं च इम-सत्तरि कोडि सतसहस्साई छप्पणण्णं च कोडिसहस्सा, एतेण भागो हीरति, ततो इदमागतफलं भवत्ति-एक्कारसपुवकोडीकोडीओ बावीसं च पुव्वil कोडिसतसहस्साई चउरासीई च कोडिसहस्साई अट्ठ य दसुत्तराई पुब्बकोडिसता एक्कासीइं च पुव्वसयसहस्साई पंचाणउयं च पुव्वसह स्साई ति:ण य छप्पण्णे पुब्बसता, एयं भागलद्धं भवति, ततो पुवेहि भाग ण पयच्छ इत्ति पुवंगेहि भागो हीरति, ततो इदमागतं फलंग भवति-एक्कवीसं पुब्वंगसतसहस्साई सत्तरी य पुवंगसहस्साई छच्च एगूणसट्ठीइ पुब्वंगसताई, तओ इदमण्णं वेगलं भवति, तेसीइ मणुयसतसहस्साई पण्णासं च मणुयसहस्साई तिणि य छत्तीसा मणुस्ससता, एसा जहण्णपदियाणं मणुस्साणं पुब्वसंखा, एतेसि गाहातो-मणुयाण जहण्णपदे एक्कारस पुव्व कोडिकोडीओ। बावीस कोडिलक्खा कोडिसहस्सा य चुलसीई॥१॥ अ8 व य कोडिसया पुव्वाण दसुत्तरा तओ होति / एक्कासीती लक्खा पंचाणउई सहस्साई // 2 // छप्पण्णा तिणि सता पुब्वाणं पुव्यवणिया अण्णे / एत्तो पुव्वगाई इमाई अहियाई अण्णाई ॥शलक्खाइ एक्कवीसं पुवंगाण सत्तर सहस्साई / छच्चेवेगूणहा पुव्वंगाणं सया हॉति // 4 // तेसीति सयसहस्सा पण्णासं खलु भवे सहस्साई / तिणि सया छत्तीसा एवतिया वेगला मणुया // 5 // ' एवं चेव य संखं पुणो अन्नण पगारेण भण्णति विसेसोवलंभणिमित्तं, तंजहा-'अहवा अण्णं छण्णउतिछदणदो य रासी' छन्न उई छेदणाणि जो देइ रासी सो छण्ण उतिछेदणदायी, किं भणितं होंति ?, जो रसी दो वारा छेडेण // 96 // छिज्जमाणो छिज्जमाणो छण्णउति वारे छेदं देइ सकलरूवपज्जवसितो तत्तिया वा जहन्नपदिया माणुस्सा, तत्तिओरालिया बद्धेल्लया, को पुण --- - For Private and Personal Use Only

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