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अनेकान्त 63/4, अक्टूबर-दिसम्बर 2010
सत्याणुव्रत के अतिचार
सत्यव्रती पूर्ण सावधानी से अपने व्रतों का पालन करता है परन्तु जब वह समाज में व्यवहार करता है तो उसके व्रतों में अतिचार लगने की संभावना अधिक हो जाती है। आचार्य उमास्वामी जी तत्त्वार्थ सूत्रग्रंथ में सत्य व्रत के अतिचारों को पाँच प्रकार का कहा है-मिथ्योपदेशरहोभ्याख्यानकूटलेखक्रियान्यासापहारसाकारमंत्रभेदाः अर्थात् मिथ्योपदेश, स्त्री पुरुष की गुप्त वार्ता को प्रकट करना, कूटलेखक्रिया, परसंपत्ति को हड़प जाना, संकेत द्वारा किसी के आशय को न समझकर बात को उजागर करना, ये पाँच प्रकार के अतिचार
जैनदर्शन में व्रती के लिए निषिद्ध कहे गये हैं। मिथ्योपदेश
सच्चा झूठा समझाकर किसी को कुमार्ग पर लगाना। असत्य का उपदेश देना, नाप-तौल में किस प्रकार का छल कपट किया जाता है, किस तरह चालाकी और बेईमानी करके व्यापार किया जा सकता है आदि मिथ्या कार्यों के प्रति प्रेरणा देना मिथ्योपदेश है। मिथ्योपदेश के अन्तर्गत हत्या करने के लिए किसी को सलाह देना, राज्य के विरूद्ध लोगों को उपदेश देना आदि कार्यों के उपदेश को मिथ्योपदेश में लेना चाहिए। ___ भारतीय कानून में मिथ्या गवाही देना, मिथ्योपदेश में गिना जाता है। मिथ्या साक्ष्य देने वाले को धारा 191 के अनुसार सात वर्ष कारावास तथा जुर्माने से दण्डित किया जाता है। मिथ्या सूचना देने पर धारा 177 के अंतर्गत 6 माह से 2 वर्ष तक सजा होती है तथा जुर्माने के रूप में 1000 रूपये देना पड़ते हैं। यदि अपराध के कारित होने के संबन्ध में मिथ्या सूचना दी गई हो तो धारा 203 के अन्तर्गत दो वर्ष या जुर्माने से दण्डनीय होगा। किसी सच्चे व्यक्ति को अपराध में लगाने के लिए सलाह देने पर धारा 110 से 120 के तहत भिन्न-भिन्न सजा का प्रावधान है। परन्तु दुष्प्रेरण षड्यन्त्र द्वारा किया जाता है तो धारा 120 ख के तहत 2 वर्ष का कारावास तथा जुर्माना होता है तथा अपराध घटित हो जाने पर अपराध के अनुसार सजा दी जाती है। रहोभ्याख्यान
किसी की गुप्त बात को किसी के सामने प्रगट कर देना जैसे कोई व्यक्ति एकान्त स्थान में किसी से रहस्य की बात कर रहा हो अथवा स्त्री पुरुष बात कर रहें तो उन्हें बदनाम करने के लिए अफवाह फैला देने को रहोभ्याख्यान कहते हैं। इसमें राजकीय गोपनीय बातों का भी ग्रहण किया जा सकता है। जिसका रहस्य खुल जाने से राष्ट्र को हानि होने की आशंका होती है या राष्ट्र में हिंसा का माहौल फैल सकता है या आपातकालीन स्थिति आ सकती है या शत्रु पक्ष से हानि हो सकती है। ___ भारतीय कानून में इन बातों के लिए दण्ड का विधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति किसी की गोपनीय बातों को उजागर करता है परन्तु अपमानित करने के आशय से नहीं है तो कोई सजा नहीं होती, परन्तु किसी को बदनाम करने के उद्देश्य से अफवाह फैलाने पर धारा 500 के तहत दो वर्ष का कारावास अथवा जुर्माने की सजा मिलती है।