Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 14
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
View full book text
________________ श्रीनन्दित्रम् ] . भरहमि अद्धमासो, जम्बुद्दीवंमि साहियो मासो / वासं च मणुअलोए, वासपुहुतं च रुग्रामि // 5 // संखिज्जमि उ काले, दीवसमुदावि हुँति संखिजा। कालंमि असंखेज्जे दीवसमुद्दा उ भइथवा // 6 // काले चउराहवुड्डी, कालो भइन् खित्तवुडीए। वुड्डीए दव्वपजव, भइअव्वा खित्त काला उ॥७॥ सुहुमो अ होइ कालो, तत्तो सुहुमयर हवइ खित्तं / अंगुलसेदिमित्ते, श्रोसप्पिणियो असंखिजा॥८॥ से तं वड्डमाणयं श्रोहिनाणं 2 ॥सू०८॥से कि तंहीयमाणयं श्रोहिनाणं ? हीयमाणयं श्रोहिनाणं अप्पसत्थेहिं श्रज्भवसायट्ठाणं हि वट्टमाणस्स वट्टमाणचरित्तस्स संकिलिस्समाणस्स संकिलिस्समाणचरित्तस्स सव्वश्रो समंता श्रोही परिहायइ, से तंहीयमाणयं रोहिनाणं 2 // सू०१॥ से किं तं पडिवाइ भोहिनाणं ? पडिवाइ श्रोहिनाणं जगणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजयभागं वा, संखिजभागं वा, वालग्गं वा, वालग्गपुहुत्तं वा, लिक्खं वा लिक्खपुहुत्तं वा, जूयं वा जूअपुहुतं वा, जवं वा जवपुहुत्तं वा, अंगुलं वा अंगुलपुहुत्तं वा, पायं वा पायपुडुत्तं वा, विहत्थि वा विहत्थिपुहुत्तं वा, रयणि वा रयणिपुहुत्तं, वा, कुच्छि वा कुच्छिपुहृत्तं वा, धणुवा धणुपुहुत्तं वा,गाउं वा गाउपुहुत्तं वा, जोत्रणं वा जोपणपुहुत्तं वा, जोपणसयं वा जोपणसयपुहुत्तं वा, जोगणमहस्सं वा जोपणसहस्सपुहुत्तं वा, जोश्रणलवखं वा जोश्रणल खपुहुत्तं वा, जोत्रणकोडिं वा जोषणकोडिपुहुत्तं वा, जोत्रणकोबाकोडि वा जोपणकोडाकोडिपुहुत्तं वा, जोत्रणसंखिज्जं वा जोत्रणसंखिजपहुत्तं वा, जोगणसंखेज वा जोश्रणअसंखेजपुहुत्तं वा, उक्कोसेणं लोगं वा पासित्ताणं पडिवइजा, 1 / सेत्तं पडिवाइअोहिनाणं 2 ॥सू० 10 // से किं तं अपडिवाइ श्रोहिनाणं ? अपडिवाइ श्रोहिनाणं जेणं थलोगस्स एगमवि अागासपएसं जाणइ पासइ तेण परं अपडिवाइ भोहिनाणं से तं श्रपडिवाइ श्रोहिनाणं // सू० 11 // तं समासत्रो चउब्विहं पन्नत्तं, तं जहा-दव्वयो खित्तयो कालो भावो 1 / तत्थ दव्यश्रो णं श्रोहिनाणी
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/e98a4e38726908eb24018eb7a097a7b7b8206c7786e7dbf62d0a971e18de0382.jpg)
Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154