Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 14
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
View full book text
________________ 104 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः // चतुर्दशमो विमागः थणियकुमाराणं देवाणं देवीण य भाणियव्वं 16 / पुढवीकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पराणत्ता ?, गोयमा ! जहरणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई 17 ।सुहुमपुढवीकाइयाणं श्रोहियाणं अपजत्तयाणं पजत्तयाण य तिरिणवि पुच्छा, गोयमा ! जहाणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं 18 / बादरपुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! जहराणेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं बावीसं वाससहस्साई 11 / अपजत्तग-बादरपुढविकाइयाणं पुच्छा गोयमा ! जहराणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं 20 / पज्जत्तग-बादरपुढविकाइयाणं पुच्छा गोयमा ! जहरणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तणाई 21 / एवं सेसकाइयापि पुच्छावयां भाणियव्वं, 22 / भाउकाइयाणां जहरणेगां अंतोमुहुत्तं उक्कोसेगां सत्त वाससहस्साई 23 / सुहुम-ग्राउकाइयाग श्रोहियागां अपजत्तगाणं पजत्तगाणं तिराहवि जहराणेणवि अंतोमुहुत्तं उकोसेणवि अंतोमुहुत्तं बादर-भाउकाइयाणं जहा श्रोहियाणं 24 / अपजत्तग-बादरभाउकाइयाणं जहन्नेणवि अंतोमुहुत्तं उकोसेणवि अंतोमुहुत्तं 25 / पजत्तग-बादराउकाइयाणं जहराणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई 26 / तेउकाइयाणं जहगणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिगिणं राइंदिअाई 27 / सुहुमतेउकाइयाणं श्रोहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाणं तिराहवि जहराणेणवि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहत्तं 28 / बादरतेउकाइयाणं जहराणेणं अन्तोमुहुत्तं उकोसेणं तिरिण राइंदिवाई 21 / अपजत्तबादरतेउकाइयाणं ते जहन्नेणवि अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेणं अन्तोमुहुत्तं 30 / पजत्तगवादरतेउकाइयाणं जहराणेणं अंतोमुहत्तं उकोसेणं तिरिण राइदिवाई अंतोमुहुत्तूणाई 31 / वाउकाइयाणं जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिरिण वाससहस्साई 32 / सुहुमवाउकाइयाणं श्रोहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाण य तिराहवि जहराणवि अंतोमुहुत्तं उकोसेणं अंतोमुहुत्तं 33 / बादरवाउकाइयाणं राउकाइयाण नणं अंतोमुहुत जमा राइंदियाई अनादर
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/7e61c2151b6b5f64958cbfc3afbcf2ffc55069ddea7e619a658aa4bc6b199eb9.jpg)
Page Navigation
1 ... 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154