Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 14
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धु / चतुर्दशी विभाग काझ्याणां श्रोरालियसरीरा तहा भाणियब्वा 22 / वाउकाइयाणां भंते! केवइया वेउविग्रसरीरा पराणत्ता ?, गोयमा ! दुविहा पराणत्ता, तंजहाबरेलया य मुक्केल्लया य, तत्थ णं जे ते बद्धेलया ते णं असंखिजा समए 2 श्रवहीरमाणा 2 खेतपलियोवमस्स असंखिजइभागमेत्तेगां कालेणं अवहीरंति नो चेव णं अवहिया सिश्रा, मुक्केल्लया वेउब्वियसरीरा थाहारगसरीरा य जहा पुढविकाइयागां तहा भाणियब्वा, तेयगकम्मसरीरा जहा पुढविकाइयाणां तहा भाणिश्रव्वा 23 / वणस्सइकाइबागां अोरालिबवेउविथ-पाहारगसरीरा जहा पुढविकाइयाणां तहा भाणियब्बा, वणस्सइकायाणां भंते ! केवइया ते अगसरीरा पराणता ?, गोयमा ! दुविहा पराणत्ता, जहा श्रोहिया तेयगकम्ममरीरा तहा वणस्सइकाइयाणवि तेथगकम्मगसरीरा भाणिअव्वा 24 / बेइंदियाणं भंते ! केवइया पोरालियसरीरा पराणता ?, गोयमा ! दुविहा पराण ता, तंजहा-बद्धेल्लपा य मुक्केल्लया य, तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखिजा असंखिजाहिं उस्सप्पिणीयोसप्पिणीहिं अवहीरंति कालयो, खेत्तो असंखेजायो सेढीयो पयरस्स असंखिजइभागो तासि गां सेढीणं विक्खभसूई असंखेजाबो जोत्रणकोडाकोडियो असंखिजाइं सेढिवग्गमूलाई बेइंदियाणं पोरालियबद्धेल्लएहिं पयरं अवहीरइ असंखिजाहिं उस्सप्पिणीयोसप्पिणीहिं कालो, खेत्तयो अंगुलपयरस्स श्रावलिश्राए असंखिजइभागपडिभागेणं, मुक्केल्लया जहा श्रोहिया बोरालियसरीरा तहा भाणिश्रब्वा, देउविश्राहारगसरीरा बद्धेल्लया नत्थि मुक्केलया जहा श्रोहिया बोरालिश्रसरीरा तहा भाणिवा, तेअगकम्मगसरीरा जहा पासिं चेव थोरालियसरीरा तहा भाणिश्रव्वा 25 / जहा बेइंदियाणां तहा तेइंदियचउरिंदियाणवि भाणिव्वा 26 / पंचिंदियतिरिक्खज़ोणियाणवि थोरालिश्रसरीरा एवं चेव भाणिअब्बा 27 / पंचिंदिअतिरिक्खजोणि
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