Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 14
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ श्रीमदनुयोगद्वार-सूत्रम् ] [ 131 16 / से किं तं दिट्ठिवायसुत्र-परिमाणसंखा ?, 2 अणेगविहा पराणत्ता, तंजहा-पजवसंखा जाव अणुयोगदारसंखा पाहुडसंखा पाहुडिबासखा पाहुडपाहुडियासंखा वत्थुसंखा, से तं दिट्ठिवायसुत्र-परिमाणसंखा, से तं परिमाणसंखा 17 / से किं तं जाणणासंखा ?, 2 जो जे जाणइ, तंजहासह सद्दियो गणियं गणियो निमित्तं नेमित्तियो कालं कालणाणी वेजयं वेजो, से तं जाणणासंखा 18 / से किं तं गणणासंखा ?, 2 एको गणणं न उवेइ, दुप्पभिइ संखा, तंजहा-संखेज्जए असंखेन्जए अणंतए 11 / से किं तं संखेजए. ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहा-जहराणए उक्कोसए अजहराणमणुकोसए 20 / से किं तं असंखेज्जए ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहा-परित्तासंखेजए जुत्तासंखेजए असंखेजासंखेजए 21 / से किं तं परित्नासंखेजए ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहा-जहराणए उकोसए अजहराणमणुकोसए 22 / से किं तं जुत्तासंखेजए ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहाजहराणए उक्कोसए अजहराणमणुक्कोसए 23 / से किं तं असंखेजासंखेजए ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहा-जहराणए उक्कोसए अजहराणमणुक्कोसए 24 / से किं तं अणंतए ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहा-परित्ताणतए जुत्ताणंतए अणंताणतए 25 / से किं तं परित्ताणतए ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहाजहराणए उक्कोसए अजहराणमणुकोसए 26 / से किं तं जुत्ताणतए 1, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहा-जहराणए उक्कोसए अजहराणमणुकोसए 27 / से किं तं अणंताणंतए ?, 2 दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-जहराणए अजहराणमणुकोसए 28 / जहराणयं संखेजयं केवइयं होइ ?, दोस्वयं, तेणं परं अजहराणमणुक्कोसयाई ठाणाई जाव उक्कोसयं संखेजयं न पावइ.२१ / उक्कोसयं संखेजयं केवइयं होइ ?, उक्कोसयस संखेजयस्स परूवणं करिस्सामि-से जहानामए पल्ले सिया एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिरिण जोयणसयसहस्साइं सोलस सहस्साई दोगिण श्र सत्तावीसे जोयणसए
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