Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 14
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 142
________________ [ 133 भीमदनुयोगद्वार-सूत्रम् ] पडिपुराणो जहगणयं असंखेजासंखेजयं होइ, अहबा उक्कोसए जुत्तासंखेजए स्वं पक्खित्तं जहराणयं असंखेजासंखेजयं होइ, लेण परं अजहराण-मणुकोसयाई ठाणाइं जाव उक्कोसयं असंखेजासंखेजयं ण पावइ 6 / उक्कोसयं असंखेज्जासंखेज्जयं केवइ होइ ?, जहरणयं असंखेज्जासंखेजयमेत्ताणं रासीणं अरणमराणभासो रूवूणो उक्कोसयं असंखेज्जासंखेजयं होइ, ग्रहवा जहगणयं परित्ताणतयं स्वणं उक्कोसयं असंखेजासंखेजय होइ 7 / जहराणयं परित्ताणंतयं केवइयं होइ ?, जहणणयं असंखेनासेखंजयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो पडिपुराणो जहराणयं परित्ताणंतयं होइ, अहवा उक्कोसए असंखेजासंखेजए रूवं पक्खित्तं जहराणयं परित्ताणतयं होइ, तेण परं अजहराणमणुकोसयाई ठाणाइं जाव उकोसयं परित्ताणतयं ण पावइ 8 / उकोसयं परित्ताणतयं केवइग्रं होइ ?, जहराणयपरित्ताणतयमेत्ताणं रासीणं अराणमराणब्भासो रूबूणो उक्कोसयं परित्ताणतयं होइ, अहवा जहरणयं जुत्ताणतयं रूवणं उक्कोसयं परित्ताणतयं होइ 1 / जहरणयं जुत्ताणतयं केवइयं होइ ?, जहराणय-परित्ताणतयमेत्ताणं रासीणं अराणमराणभासो पडिपुराणो जहराणयं जुत्ताणतयं होड, अहवा उक्कोसए परित्ताणंतए स्वं पक्खित्तं जहन्नयं जुताणतयं होइ, अभवसिद्धिप्रावि तत्तिवा होइ, तेण परं अजहराणमणुकोसयाई ठाणाई जाव उक्कोसयं जुत्ताणतयं ण पावइ 10 / उकोसयं जुत्ताणतयं केवइधे होइ ?, जहराणएणं जुत्ताणंतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्णमराणभासो रूवूणो उक्कोसयं जुत्ताणतय होइ, अहवा जहरणयं अणंताणतयं रूवूणं उक्कोसयं जुत्ताणतयं होइ 11 / जहराणयं अणंताणतयं केवइयं होइ ?, जहराणएणं जुत्ताणंतएणं अभवसिद्धिा गुणिया अराणमराणभासो पडिपुराणो जहराणयं अणंताणतयं होइ, श्रहवा उक्कोसए जुत्ताणतए रूवं पक्खित्तं जहरणयं अणंताणतयं होइ, तेण परं अजहराणमणुकोसयाई गणाई 12 / से तं गणणासंखा

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