Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 14
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ 124 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमो विभागः मेइणी सुक्काणि श्र कुड-सर-ई-दीहिया-तडागाइं पांसित्ता तेणं साहिजइ जहा-कुवुट्टी पासी, से तं अतीयकालगहणं 25 / से किं तं पडुप्पराणकालगहणं ?, 2 साहुं गोबरग्गगयं भिक्खं अलभमाणं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-दुभिक्खे वट्टइ, से तं पडुप्पण्णकालगहणं 26 / से किं तं श्रणागयकालगहणं ?, 2 धूमायंति दिसायो सज्झावितिमेइणी अपडिबद्धा। वाया नेरुतिया खलु कुवुट्टीमेवं निवेयंति // 118 // अग्गेयं वा वायव्वं वा अण्णयरं वा अप्पसत्यं उप्पायं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा–कुवुट्टी भविस्सइ, से तं प्रणागयकालगहणं 27 / से तं विसेसदिटुं, से तं दिट्ठसाहम्मवं, से तं अणुमाणे 28 / से किं तं ग्रोवम्मे !, 2 दुविहे पराणत्ते, तंजहा-साहम्मोवणीए अवेहम्मोवणीए अ 21 / से किं तं साहम्मोवणीए ?, 2 तिविहे पराणत्ते, तंजहा-किंचिसाहम्मोवणीए पायसाहम्मोवणीए सव्वसाहम्मोवणीए 30 / से किं तं किंचिसाहम्मोवणीए ?, 2 जहा मंदरो तहा सरिसवो जहा सरिसवो तहा मंदरो, जहा समुद्दो तहा गोप्पयं जहा गोप्पयं तहा समुद्दो, जहा श्राइचो तहा खजोतो जहा खजोतो तहा घाइचो, जहा चंदो तहा कुमुदो जहा कुमुदो तहा चंदो, से तं किंचिसाहम्मो 31 / से कि तं पायसाहम्मोवणीए ?, 2 जहा गो तहा गवयो जहा गवत्रो तहा गो, से तं पायसाहम्मो 32 / से किं तं सव्वसाहम्मोवणीए ?, 2 सबसाहम्मे श्रोवम्मे नत्थि, तहावि तेणेव तस्स ग्रोवम्मं कीरइ जहा-अरिहंतेहिं अरि. हंतसरिसं कयं, चकवट्टिणा चकवट्टिसरिसं कयं, बलदेवेण बलदेवसरिसं कयं, वासुदेवेण वासुदेवसरिसं कयं, साहुणा साहुसरिसं कयं, से तं सब्बसाहम्मे, से तं साहम्मोवणीए 33 / से किं तं वेहम्मोवणीए ?, 2 तिबिहे पराणत्ते, तंजहा-किंचिवेहम्मे पायवेहम्मे सव्ववेहम्मे 34 / से किं तं किंचिवेहम्मे ?, 2 जहा सामलेरो न तहा बाहुलेरो जहा बाहुलेरो न तहा सामलेरो, से तं किंचिवेहम्मे 35 / से किं तं पायवेहम्मे ?, जहा वायसो
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