Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 14
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 94
________________ श्रीमदनुयोगदार-स्त्रम् ] [85 वणे महिसो वणमहिसो, वणे मयूरो वणमयूरो(वणे कवोतो वणकवोतो), से तं तप्पुरिसे / से किं तं अब्बईभावे ?, 2 अणुगामं अणुणइयं अणुफरिहं अणुचरित्रं, से तं अव्वईभावे समासे / से किं तं एगसेसे ?, 2 जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो, जहा एगो करिसावणो तहा बहवे करिसावणा जहा बहवे करिसावणा तहा एगो करिसावणो, जहा एगो साली तहा बहवे साली जहा बहवे साली तहा एगो साली, से तं एगसेसे समासे / से तं सामासिए 21 / से किं तं तद्धितए ?, 2 अट्टविहे पराणत्ते, तंजहा-कम्मे सिप्पसिलोए संजोगसमीश्रवो श्र संजूहो / इस्सरिय अवच्चेण य तद्धितणामं तु अट्टविहे // 12 // से किं तं कम्मणामे ?, 2 दोसिए सोत्तिए कप्पासिए भंडवेथालिए कोलालिए (तणहारए . कट्टहारए पत्तहारए), (गरदावणिए), से तं कम्मनामे / से किं तं सिप्पनामे ?, 2 वथिए तंतिए तुराणए तंतुवाए पट्टकारे उए? बरुडे मुंजकारे कट्टकारे छत्तकारे वज्मकारे पोत्थकारे चित्तकारे दंतकारे लेप्पकारे सेलकारे कोट्टिमकारे, से तं सिप्पनामे / से किं तं सिलोअनामे ?, 2 समणे माहणे सव्वा(च)तिही, से तं सिलोअनामे / से किं तं संजोगनामे ?, 2 रगणो ससुरए रराणो जामाउए रगणो साले (रगणो सडढुए) रराणो भाउए रराणो भगिणीवई, से तं संजोगनामे / से किं तं समीवनामे ?, 2 गिरिसमीवे णयरं गिरिणयर, विदिसासमीवे णयरं वेदिसं णयर, बेन्नाए समीवे णयरं बेन्नायडं, तगराए समीवे णयरं तगरायडं, से तं समीवनामे / से किं तं संजूहनामे ?, 2 तरङ्गवइकारे मेलयवइकारे अत्ताणुसट्टिकारे बिंदुकारे, से तं संजूहनामे / से किं तं ईसरिअनामे ?, 2 राईसरे तलवरे माडंबिए कोडुबिए इब्भे सेट्टी सत्थवाहे सेंणावई, से तं ईसरिअनामे / से किं तं श्रवचनामे ? 2 अरिहंतमाया चकवट्टिमाया बलदेवमाया वासुदेवमाया रायमाया मु(ग)णिमाया वायगमाया, से तं श्रवचनामे / से 2 समणे माहगार कोट्टिमकारे, समकारे पोत्यकार पट्टकारे उरावक

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