Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 13 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 13
________________ ३९८-४०२ ४०३-४१३ ४१४-४४८ ४४९-४६५ ४६६-४७१ छहा उद्देशा ३७ द्वीप समुद्र आदि का निरूपण सातवां उद्देशा ३८ असुरकुमार आदिकों के आवास का निरूपण आठवां उद्देशा ३९ जीवों के निवृत्ति का निरूपण नववां उद्देशा ४० करण के स्वरूप का निरूपण दशवा उद्देशा ४१ वानव्यन्तरों के आहार-करण आदि का निरूपण बीसवें शतक का पहला उद्देशा ४२ उद्देशक के अर्थ को संग्रह करनेवाली गाथा का कथन ४३ द्वीन्द्रिय नामके पहले उद्देशे का निरूपण दूसरा उद्देशा ४४ आकाश के स्वरूप का निरूपण ४५ धर्मास्तिकाय आदि के एकार्थक नाम का निरूपण तीसरा उद्देशा ४६ प्राणातिपात आदि आत्मपरिणाम का निरूपण चौथा उद्देशा ४७ इन्द्रियों के उपचय का निरूपण पांचवां उद्देशा ४८ पुद्गलों के वर्णादिमत्त्व का निरूपण ४९ पांच प्रदेशवाले स्कन्ध का निरूपण ५० छ प्रदेशबाले स्कन्ध का निरूपण ४७२-४७३ ४७४-४९६ ४९७-५०३ ५०४-५२४ ५२५-५३४ ५३५-५३७ ५३८-६३५ ६३६-६७९ ६८०-७२१ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૩

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