Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 13 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 11
________________ श्री भगवतीसूत्र भा. १३ वें की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमांक विषय पृष्ठा अठारहवें शतक का चौथा उद्देशा १ प्राणातिपात आदिके परिभोग का निरूपण १-१० २ कषाय के स्वरूप का निरूपण ११-१८ ३ कृतयुग्मादि राशियों से नारकादि का निरूपण १९-२८ ४ अन्धवह्नि जीवों का निरूपण २८-३० पांचवां उद्देशा ५ भास्वर जीवविशेष देवों का निरूपण ३१-४० ६ असुरकुमार आदिकों के भिन्नत्व में कारण का निरूपण ४१-४६ ७ नारकादिकों के आयुष्क आदि प्रतिसंवेदना का निरूपण ४७-५३ ८ असुरकुमारों की विकुर्वणा का निरूपण ५४-६० छट्ठा उद्देशा ९ सचेतन और अचेतनों के स्वभावता का निरूपण ६१-७१ १० परमाणू में वर्णादि का निरूपण ७२-८६ सातवां उद्देशा ११ केवली को यक्षावेश का निरूपण ८७-९१ १२ उपधि परिग्रह आदि का निरूपण ९२-१०४ १३ मद्रुक श्रमणोपासक के चारित्र का निरूपण १०५-१३२ १४ देवों की वक्तव्यता १३३-१३७ १५ देवासुरों के संग्राम का निरूपण १३८-१४१ १६ देवों के सामर्थ्य का निरूपण १४२-१४४ १७ देवों के कर्मक्षपण का निरूपण १४५-१५५ आठवां उद्देशा १८ कर्मयन्ध के स्वरूप का निरूपण १५६-१६१ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૩

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