Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 10
________________ संजमे चेव उवसंतकसायवीयरागसंजमे दुविहे पण्णत्ते तं जहा- पढमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव अपढमसमय-उवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव अहवा चरिमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव अचरिमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव, खीणकसायवीयरागसंजे दुविहे पण्णत्ते तं जहा- छउमत्थखीणकसाय-वीयरागसंजमे चेव केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, ठाणं २, उद्देसो- १ छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पण्णत्ते तं जहा- सयंबुद्धछउमत्थ खीणकसायवीतरागसंजमे चेव बुद्धबोहियछउमत्थ खीणकसायवीतरागसंजमे चेव, सयंबुद्धछउमत्थ खीणकसायवीयरागसंज दुविहे पण्णत्ते तं जहा- पढमसमयसयंबुद्धछउमत्थ खीणकसाय- वीतरागसंजमे चेव अपढमसमयसयंबुद्धछउमत्थ खीणकसायवीतरागसंजमे चेव, अहवा - चरिमसमयसयंबुद्ध छ - उमत्थखीण कसायवीतरागसंजे चेव अचरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थ खीणकसायवीतरागसंजमे चेव | बुद्धबोहिय छउमत्थ खीणकसायवीतरागसंजमे दुविहे पण्णत्ते तं जहा- पढमसमयबुद्धबोहि छउमत्थखीणकसाय-वीतरागसंजमे चेव अपढमसमयबुद्धबोहिय छउमत्थखीणकसायवीतरागसंजमे चेव, अहवा-चरिमसमयबुद्ध-बोहिय छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव अचरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थ खीणकसायवीयरागसंजमे चेव, केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पण्णत्ते तं जहा- सजोगिकेवलि खीणकसायवीयरागसंजमे चेव अजोगिकेवलि खीणकसायवीयरागसंजमे चेव, सजोगिकेवलि खीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पण्णत्ते तं जहा- पढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव अपढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयराग-संजमे चेव अहवा चरिमसमयसजोगि०, अचरिमसमयसजोगि केवलिखीणकसाय-वीयरागसंजमे चेव, अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पण्णत्ते तं जहा- पढमसमयअजोगि०, अपढमसमयअजोगि केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, अहवा चरिमसमय-अजोगि०, अचरिमसमयअजोग केवलिखीणकसाय- वीयरागसंजमे चेव । [७३] दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता तं जहा- सुहुमा चेव बायरा चेव, एवं वणस्सइकाइया पण्णत्ता तं जहा- सुहुमा चेव बायरा चेव, दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता तं जहा- पज्जत्तगा चेव अपज्जत्तगा चेव, एवं जाव वणस्सइ- काइया पण्णत्ता तं जहा- पज्जत्तगा चेव अपज्जत्तगा चेव । दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता तं जहा- परिणया चेव अपरिणया चेव एवं जाव वणस्सइकाइया, दुविहा दव्वा पण्णत्ता तं जहा- परिणया चेव अपरिणया चेव । दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता तं जहा गतिसमावण्णगा चेव अगतिसमावण्णगा चेव एवं जाव वणस्सइकाइया, दुविहा दव्वा पण्णत्ता तं जहा- गतिसमावण्णगा चेव अगतिसमावण्णगा चेव । दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता तं जहा- अणंतरोगाढा चेव परंपरोगाढा चेव जाव दुविहा दव्वा पण्णत्ता तं जहा- अणंतरोगाढा चेव परंपरोगाढा चेव । [७४] दुविहे काले पण्णत्ते तं जहा- ओसप्पिणीकाले चेव उस्सप्पिणीकाले चेव, दुविहे आगासे पण्णत्ते तं जहा- लोगागासे चेव अलोगागासे चेव । [मुनि दीपरत्नसागर संशोधितः ] [9] [३-ठाणं]

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