Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

Previous | Next

Page 8
________________ अणवकंखवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा- आयसरीरअणवकंखवत्तिया चेव परसरीरअणवकंखवत्तिया चेव ।। दो किरियाओ पण्णत्ताओ तं जहा- पेज्जवत्तिया चेव दोसवत्तिया चेव, पेज्जवत्तिया किरिया ठाणं-२, उद्देसो-१ दुविहा पण्णत्ता तं जहा- मायावत्तिया चेव लोभवत्तिया चेव, दोसवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा- कोहे चेव माणे चेव । __६१] दुविहा गरिहा पण्णत्ता तं जहा- मणसा वेगे गरहति वयसा वेगे गरहति, अहवा गरहा दुविहा पण्णत्ता तं जहा- दीहं वेगे अद्धं गरहति रहस्सं वेगे अद्धं गरहति । [६२] दुविहे पच्चक्खाणे प० तं० -मणसा वेगे पच्चक्खाति वयसा वेगे पच्चक्खाति, अहवा पच्चक्खाणे विहे प० तं०- दीहं वेगे अद्धं पच्चक्खाति रहस्सं वेगे अद्धं पच्चक्खाति । [६३] दोहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अणादीयं अणवयग्गं दीहमद्धं चाउरंतं संसारकंतारं वीतिवएज्जा तं जहा- विज्जाए चेव चरणेण चेव । [६४] दो ठाणाइं अपरियाणेत्ता आया नो केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, तं जहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव, दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया नो केवलं बोधिं बुज्झेज्जा तं जहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव, दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया नो केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइज्जा तं जहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव, एवं नो केवलं बंभचेरवासमावसेज्जा, नो केवलं संजमेणं संजमेज्जा, नो केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा, नो केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेज्जा | एवं सुयनाणं, ओहिनाणं, मनपज्जवनाणं, केवलनाणं| [६५] दो ठाणाइं परियाणेत्ता आया केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए तं जहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव जाव उप्पाडेज्जा तं जहा- आरंभे चेव परिग्गहे चेव । [६६] दोहं ठाणेहिं आया केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए तं जहा सोच्च-च्चेव अभिसमेच्च-च्चेव जाव दोहिं ठाणेहिं आया केवलं केवलनाणं उप्पाडेज्जा तं जहा-सोच्चच्चेव अभिसमेच्चच्चेव । [६७] दो समाओ प० तं०- ओसप्पिणी समा चेव उस्सप्पिणी समा चेव । [६८] विहे उम्माए पण्णत्ते तं जहा- जक्खाएसे चेव मोहणिज्जस्स चेव कम्मस्स उदएणं तत्थ णं जे से जक्खाएसे से णं सुहवेयतराए चेव सहविमोयतराए चेव, तत्थ णं जे से मोहणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं से णं दुहवेयतराए चेव दुहविमोयतराए चेव । [६९] दो दंडा पण्णत्ता तं जहा-अट्ठादंडे चेव अणट्ठादंडे चेव, नेरइयाणं दो दंडा पण्णत्ता तं जहा- अट्ठादंडे य अणट्ठादंडे य, एवं- चउवीसा दंडओ जाव वेमाणियाणं । [७०] दुविहे दंसणे पण्णत्ते तं जहा-सम्मइंसणे चेव मिच्छादसणे चेव । सम्मइंसणे दुविहे पण्णत्ते तं जहा-निसग्गसम्मइंसणे चेव अभिगमसम्मइंसणे चेव, निसग्गसम्मईसणे दुविह पण्णत्ते तं जहा-पडिवाइ चेव अपडिवाइ चेव, अभिगमसम्मइंसणे विहे पण्णत्ते तं जहा-पडिवाइ चेव अपडिवाइ चेव, [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] । [7] [३-ठाण]

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 141