Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas
View full book text ________________
294
P. 121
121
138
122 123
124
124 125 125 125
125
140
125 125
126 127 128 128
141
128
L.
P. L. 9 अहो य इत्यादि । अहश्च
136 30 एत्थोवरए इत्यादि । अत्र 23 जे पासवा इत्यादि । य इति
137 21 एस इत्यादि । एषः 24 आघाइ इत्यादि । ज्ञानं
14 समुवेह इत्यादि । सम्यगु17 इहमेगेसिमित्यादि । इह
138 25 आवंतीत्यादि । यावन्तः 8 आवंतीत्यादि । श्रावन्तीति
1397 से इत्यादि । से 27 अरणारिय इत्यादि । पाराद् याता: .
139 25 प्रावतीत्यादि । यावन्तः 10 खुडुग पायसमासमित्यादि । अनया
139 31 समियाए इत्यादि । सम(मि-प्र०)ता 21 भिक्खापविट्ठणेत्यादि । सुग
140 1 एवं इत्यादि । यथाऽत्र फलोदयेण इत्यादि । सुगम
1409 जे पुन्बुढाई णो पच्छाणिवाई । यः 28 मालाविहार इत्यादि । पूर्ववद्
12 जे पुवुट्ठाई पच्छाणिवाई। पूर्वमु33 खंतस्सेत्यादि । सुगमा
140 15 जे णो पुव्वुढाई णो पच्छारिणवाई । यो 39 उल्लो सुक्को० गाहा, एवं लग्गति० गाहा। 140 19 सो वि इत्यादि । सोऽपि अयमत्र
140 27 एवं इत्यादि, इह इत्यादि । एतद् ll उवेह(हे० प्र०) इत्यादि । योऽय
140 30 पुव्वावर इत्यादि । पूर्वरात्रं 27 इहेत्यादि । इह
140 32 सया सीलं इत्यादि । सदा 7 जह खलु झुसिरं कट्ठ० गाहा। गतार्था 140 35 सुणिया इत्यादि । यो हि 13 इममित्यादि । इदं
2 इमेण चेव इत्यादि । अनेन31 प्रावीलए इत्यादि । प्राङीषदर्थे
141 ll युद्धारिहमित्यादि । एतदौ21 णेत्तेहिं इत्यादि । नयं
141 16 जहित्थ कुसलेहि इत्यादि । यथा 34 जस्स नत्थीत्यादि । यस्य
141 18 चुए इत्यादि । लब्ध्वा27 जे खलु भो वीरा इत्यादि । यदि वा
141 21 अस्सिं चेयं इत्यादि । अस्मि9 हिंसग० गाहा, तइए० गाहा, हरप्रो० गाहा।। 141 22 रूवंसि वा इत्यादि । रूपे हिनस्तीति
141 27 से हु इत्यादि । स जितेन्द्रियो 21 प्रायाणपएण० गाहा । आदीयते
141 29 अन्नहा इत्यादि । अन्येन 31 सव्वस्स० गाहा । अत्र
141 32 इति कम्मं इत्यादि । इति 39 भावे० गाहा । भावे
141 33 से इत्यादि । स 5 लोगम्मि० गाहा । लोके
141 37 उव्वे (वे-प्र०)ह इत्यादि । उत्प्रेक्ष12 चइऊणं० गाहा । त्यक्त्वा
141 39 वन्नाएसी इत्यादि । वर्ण्यते 25 लोगस्स उ० गाहा । लोकस्य
142 3 एगप्पमुहे । एको मोक्षो 28 लोगस्स० गाहा । समस्त
1424 विदिसप्पतिण्णे । मोक्षसंयमाभि32 प्रावतीत्यादि । अवन्तीति
6 णिविण्ण इत्यादि । चरणं 3 तमो से इत्यादि । ततः
142 16 से वसुमं इत्यादि । वसु 18 चारो चरिया० गाहा । चार इति
142 19 जं सम्मं ति पासह इत्यादि । सम्यगिति 26 खेत्तं० गाहा । क्षेत्र
23 ण इमं इत्यादि । नैतत् 31 लोगे० गाहा । लोके
142 24 अद्दिज्जमाणेहिं । आः 37 पावोवरए० गाहा । पापोपरतः
142 24 गुणासाएहि । गुणाः 26 प्रावतीत्यादि । यावन्तः
__ 142 25 वंकसमायारेहिं । वक्रः समा.
129 129 130 131
131 131
132
132
132
142
132 132 133 135 135 135 135 136
142
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
.
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764