Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

View full book text
Previous | Next

Page 758
________________ 395 70 92 27 166 119 71 20 101 P. L. 107 14 पावाई कम्माई पकुव्वतोहि... 32 पासे भिसं णिसीयंति... 264 26 पिन्नागपिंडीमवि विद्धसूले... . 26 पिया ते थेरमो तात ! 28 पुच्छिस्सऽहं केवलियं... 34 पुच्छिस्सु णं समणा माहणा य... 3 पुछे गिम्हाहितावेणं... 13 पुढे णभे चिठ्ठ भूमिवठिए... 6 पुट्ठो य दंसमसएहि... 40 पुढवी पाउ तेउ य.. 13 पुढवी उ अगणी वाऊ': 133 12 पुढवी जीवा पुढो सत्ता..' 103 26 पुढवी य आऊ अगणी य... 239 40 पुढवी य सक्करा वालुया... 105 10 पुढवीवि जीवा पाऊवि जीवा... 129 11 पुढो य छंदा इह माणवा उ... 11 पुढोवमे धुणइ विगयगेही.' 26 16 पुत्तं पिया समारब्भ'' 259 31 पुराकडं अद्द ! इमं सुणेह''' 38 13 पुरिसोरम पावकम्मुणा... 264 28 पुरिसं च विद्ध ण कुमारगं वा... 260 11 पुचि च इण्हि च अणाग..." 265 6 पुरिसेत्ति विन्नत्ति न एवमत्थि... 35 पूइकम्म न सेविज्जा... 35 पूयफलं तंबोलयं .. 34 बहवे गिहाई अवहट्ट. 7 बहवे पाणा पुढोसिया... 3 बहुगुणप्पगप्पाई... बहुजणणमणमि संवुडो. बालस्स मंदयं वीयं.. 12 बाला बला भूमिमणुक्कमंता पविज्जलं लोहपहं... 92. 34 बाला बला भूमिमणुक्कमंता पविज्जलं कंटइलं... 90 37 बाहू पकत्तंति य मूलतो से... 25 बुज्झिज्जत्ति तिउट्टिज्जा... 269 41 बुद्धस्स प्राणाए इमं समाहि... P. L. 22 भंजंति णं पुठवमरी सरोसं... भंजति बालस्स वहेण पुट्ठी... 109 भारस्स जाता मुणि भंजएज्जा.. 171 3 भावणाजोगसुद्धप्पा'. 122 12 भासमाणो न भासेज्जा... 159 4 भिक्खू मुयच्चे तह दिट्ठधम्मे.. 169 36 भूएहिं न विरुज्झज्जा.. 30 भूताभिसंकाइ दुगं छमाणे... 134 34 भूयाइच समारंभ... 266 22 भूयाभिसंकाए दुगुछमाणा.. 107 12 मच्छा य कुम्मा य सिरीसिवा य... 28 मणबंधणेहिं णेगेहि... 26 22 मणसा जे पउस्संति... 113 मणसा वयसा चेव.. 43 14 महयं पलिगोव जाणिया'.. 260 13 महव्वए पंच अणुव्वए य... 9827 महीइ मझमि ठिते णगिदे... 113 19 माइणो कटु मायाय... मा एवं अवमन्नता... 28 मा पच्छ असाघुता भवे. 46 3 मा पेह पुरा पणामए... 27 मायरं पियरं पोस... 119 10 माया पिया ण्हुसा भाया .. 12 मायाहिं पियाहि लुप्पइ... 118 21 माहणा खत्तिया वेस्सा... 15 माहणा समणा एगे... 3 माहणा समणा एगे... 21 मिलक्खु अमिलक्खूस्स.. 1307 मुसं न वूया मुणि अत्तगामी... 1202 मुसावायं बहिद्धच... 23 मुहुत्ताणं मुहुत्तस्स... 262 23 मेहाविणो सिक्खियबुद्धि... 1 रामो वि उठिया संता... 23 रागदोसाभिभूयप्पा.. 13 रायाणो रायऽमच्चाय... 21 रुक्खेसं गाते जह सामली वा... 8733 रुहिरे पुणो वच्चसमुस्सिन'गे... 134 12 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 756 757 758 759 760 761 762 763 764