Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 759
________________ 396 P. 123 61 33 13 263 94 249 58 78 L. 265 9 लद्धे अढे अहो एव तुब्भे... 8 लद्धे कामे ण पत्थेज्जा... 32 लित्ता तिव्वाभितावेणं... 15 लोगवायं णिसामिज्जा... 269 10 लोयं अयाणित्तिह केवलेणं 269 ll लोयं विजाणंतिह केवलेणं... 163 39 वर्णसि मूढस्स जहा अम ढा. 8 वणे मूढे जहा जंतू.. 23 वत्थगंधमलंकारं... 2 वत्थाणि य मे पडिलेहेहि... 265 7 वायाभियोगेण जमावहेज्जा... 48 16 वाहेण जहा व विच्छए... 163 2 विउठितेणं समयाणुसिठे... 50 14 वित्तं पसवो य नाइप्रो... 24 वित्तं सोयरिया चेव... . 263 23 वित्तेसिणो मेहुणसंपगाढ़ा... 57 26 विबद्धो नातिसंगेहि... 137 27 विरए गामघम्मेहि... 38 28 विरया वीरा समठिया... 1553 विसोहियं ते अणुकाहयंते... 135 34 वुज्झमाणाण पाणाणं... 34 35 वुसिए य विगयगेही... 10 वेतालिए नाम महाभितावे... 18 वेयालियमग्गमागो.... 113 30 वेराइ कुव्वई वेरी... 31 वेराणुगिद्ध णिचयं करेति... 39 17 सउणी जह पसुगंडिया...। 31 9 सए सए उवट्ठाणे... 29 11 सएहि परियाएहिं... 15 सच्चं असच्चं इति चितयंता... 112 34 सत्थमेगे तु सिक्खंता... 92 21 सदा कसिणं पुण धम्मठाणं.. 54 4 सदा दत्तेसणा दुक्खा... 38 सहाणि सोच्चा अदु भेरवाणि... 149 35 सद्दे सु रूवेसु असज्जमाणो'.. 32 35 सपरिग्गहा य सारंभा'.. ___P. L. 20 सम अन्नयरम्मि संजमे... 30 समज्जिणित्ता कलुसं अणज्जा... 15 समणंपि दठ्ठदासीणं... 22 समारभंते वणिया भूयगाम... 166 30 समालवेज्जा पडिपुन्नभासी... 34 37 समिए उ सया साहु.. 260 11 समिच्च लोगं तसथावराणं... 3 समच्छिहिंति सत्यारो... 91 25 सम सियं नाम विधूमठाणं... 33 सम सिया तत्थ विसूणियंगा... सम्मिस्सभावं च गिरा गहीए... 33 सयणासणेहिं जोगेहि.. 28 सयं कडं न अण्णेहि... 11 सयं तिवायए पाणे... 13 सयं दुक्कडं च न वदति... 20 सयंभुणा कडे लोए... 169 6 सयं समेच्चा अदुवावि सोच्चा... 7 सयं सयं पसंसंता... 3 सयं सहस्साण उ जोयणाणं... 3 सया कसिणं पुण धम्मठाणं... 11 सया जलं नाम निहं महंत... 93 33 सयाजला नाम नदी भिदुग्गा'.. 5 सव्वप्पगं विउक्कस्सं... 36 सव्वं जगं तू समयाणुपेही... 13 सव्वं नच्चा अहिट्ठए... 109 26 सव्वाइसंगाई अइच्च धीरे... 62 22 सव्वाहि अणुजुत्तीहिं अचयंता... 134 5 सव्वाहि अणुजुत्तीहि मतिमं 125 26 सविदियाभिनिव्वुडे पयासु... 27 सव्वे सयकम्मकप्पिया... 266 21 सव्वेसि जीवाण दयट्ठयाए... 114 33 सहसंमइए णच्चा.. 166 27 संकेज्ज याऽसंकितभाव भिक्खू... 165 27 संखाइ धम्म च वियागरंति... 635 संखाय पेसलं धम्म... 36 संखाय पेसलं धम्म... 25 50 127 141 50 162 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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