Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas
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389
P.
L.
163
61
63
37 264
72 250 167 25
90
133
P. L. 127 32 आयं ण कुज्जा इह जीवियट्ठी ...... 263 24 प्रारंभगं चेव परिग्गहं च....."
79 18 प्रासंदियं च नवसुत्तं .... 12128 प्रासंदी पलियंके य......
64 . 7 आसिले देविले चेव...... 12026 पासूणिमक्खिरागं च.......
87 8 अासूरियं नाम महाभितावं...... 155 1 पाहत्तहीयं तु पवेयइस्सं...... 160 11 पाहत्तहीयं समुपेहमाणे सव्वेहि......
28 आहंसु महापुरिसा...... 12638 आहाकडं चेव निकाममीणे...... 127 33 प्राहाकडं वा ण णिकामएज्जा...... 173 19 इप्रो विद्धसमाणस्स....... 256 38 इच्चेएहिं ठाणेहिं......
23 इच्चेयाहि य दिट्ठीहिं... 18 इच्चेव णं सुसेहंति...... 15 इच्चेव पडिलेहंति...... 31 इच्चेवमाहु से वीरे...... 18 इणमन्नतु अन्नाणं
4 इणमेव खणं वियाणिया....... 172 1 इथियो जे ण सेवंति 128 22 इत्थीसु या आरयमेहुणालो..... 634 इमं च धम्ममादाय ..... 67 35 इमं च धम्ममादाय....... 137 9 इमं च धम्ममादाय .....
28 इमं वयं तु तुम पाउकुव्वं 29 इह जीवियमेव पासहा" 15 इहमेगे उ भासंति...... 37 इहलोगदुहावहं विऊ..... 33 इह संवुडे मुणी जाए..... ___4 इहेग मूढा पवयंति मोक्खं.......
18 इंगालरासि जलियं सजोति...... 28 19 ईसरेण कडे लोए...... 120 11 उच्चारं पासवणं....... .
1931 उच्चावयाणि गच्छन्ता...... 104 28 उज्जालपो पाण निवातएज्जा'' 39 18 उठियमणगारमेसणं ..
30 अस्सि सुठिच्चा तिविहेण......
अह णं वयमावन्न...... 24 अह णं से होइ उवलद्धो ....." 4 अह तत्थ पुणो णमयंती...... 2 अह तं तु भेदमावन्नं.... 21 अह तं पवेज्ज वझ...... 40 अह तेण मूढेण अमूढगस्स...... 18 अह ते परिभासेज्जा ....... 37 अह पास विवेगमुट्ठिए...... 27 अहवावि विद्ध ण मिलक्खु सूले.......
5 अह सेऽणुतप्पई पच्छा ..... 10 अहाकम्माणि भुजति...... 31 अहा वुइयाइ सुसिक्ख ..... 15 अहावरं पुरक्खायं...... 24 प्रहावरं सासयदुक्ख धम्म...... 13 अहावरा तसा पाणा...... 27 अहिअप्पाऽहियपण्णाणे ...... 27 अहिगरणकडस्स भिक्खुणो....
2 अहिमे संति आवट्टा....... 13 अहिमे सुहुमा संगा.... ' 26 अहिंसयं सवपयाणुकंपी.....'
2 अहो य राम्रो असमु....... 34 अहोऽवि सत्ताण विउणं च...... 34 अतए वितिगिच्छाए...... 18 अंत करंति दुक्खाणं....... 37 अंताणि धीरा सेवंति..... 13 अधो अघं पहं णितो...... 12 आउक्खयं चेव अबुज्झ०..... 22 आगंतगारे आरामगारे...... 22 आघं मईमं मणुवीय धम्म ..... 23 आघायकिच्चमाहेउ....... 11 आघायं पुण एगेसि ....
8 आदाय वंभचेरं च...... 35 आदीण वित्ती वि करेति पावं. . . . . . .
l आमंतिय उस्सविया...... 35 आयगुत्ते सया दंते 17 प्रायदंडसमायारे......
58 56 263 155 149 169 173 172
24 129 262 125 118
261
106
20
86
248 126
71 135 55
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