Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 751
________________ सूत्रकृताङ्गसूत्रस्य गाथानामकारादिक्रमः । P. 74 73... 75 109 122 19 48 59 107 33 16 54 33 66 55 46 P. L. 12331 अइमाणं च मायं च . . . . . 137 28 अइमाणं च मायं च....... 171 5 अकुव्वनो णवं णत्थि...... 15 अकुसीले सया भिक्खू...... 6 अगारमावसंता वि ..... 123 30 अगिद्ध सद्दफासेसं ....... 3 अग्गं वणिएहिं आहियं . . . . . . 7 अचयंता व लूहेणं...... 265 4 अजोगरूवं इह संजयाणं...... 121 9 अट्ठावयं न सिक्खिज्जा...... 16 अणं ते निइए लोए ..... 30 अणागयमपस्संता 248 23 अणादीयं परिन्नाय ..... 93 24 अणासिया नाम महासियाला...... 18 अणिहे सहिए सुसंवुडे ..... 28 अणुगच्छमाणे वितह...... । 19 अणुत्तरग्गं परमं महेसी...... 20 अणुत्तरं धम्ममिणं जिणाणं 997 अणुत्तरं धम्ममुईरइत्ता'..... 174 2 अणुत्तरे य ठाणे से...... 133 10 अणुपुब्वेण महाघोरं...... 115 20 अणु माणं च मायं च ...... 172 3 अणुसासणं पुढो पाणी...... 123 6 अणुस्सुप्रो उरालेसु...... 172 35 अणेलिसस्स खेयन्ने....... 141 17 अणोवसंखा इति ते उदाहू 141 14 अण्णाणिया ता कुसलावि...... 109 25 अण्णातपिंडेणऽहियासएज्जा...... 133 11 अतरिंसु तरंतेगे...... 116 6 अतिक्कम्मति वायाए...... 148 25 अत्ताण जो जाणति जो य लोगं 49 20 अदक्खुब दक्खुवाहियं. . . . . . 78 ll अदु अंजणि अलंकारं ..... 99 L. 36 अदु कण्णणासच्छेदं ...... 2 अदु णाइणं च सुहीणं वा ...... 27 अदु साविया पवाएणं ...... 1 अन्नस्स पाणस्सिह लोइयस्स.... 8 अन्नं मणेण चितेंति ..... 34 अन्नाणियाणं वीमंसा ...... 6 अन्ने अन्नेहिं मुच्छिया ..... 36 अपरिक्खदिळं ण हु एव सिद्धी....... 29 अपरिमाणं वियाणाई...... 36 अप्पपिंडासि पाणासि..... 20 अप्पेगे खुधियं भिक्खु... 14 अप्पेगे नायो दिस्स 30 अप्पेगे पडिभासंति ....... 27 अप्पेगे पलियं तेसिं....... 31 अप्पेगे बइ जु जति...... 28 अप्पेण अप्पं इह वंचइत्ता...... 26 अब्भागमितंमि वा दुहे'..... 6 अभविसु पुरा धीरा...... 5 अभविसु पुरा वि भिक्खवो ..... 32 अभिजु जिया रुद्द असाहुकम्मा... 29 अभुजिया नमी विदेही.... 24 अमणुन्नसमुप्पायं..... 2 अयं व तत्तं जलियं सजोइ ..... 23 अरई रईच अभिभूय भिक्खू .... 5 अरति रति च अभिभूय ..... 32 अलूसए णो पच्छन्नभासी 1 अवि धूयराहि सुण्हाहि...... 35 अवि हत्थपादछेदाए... 29 अवि हम्ममाणे फलगावतट्ठी....... 23 अव्वत्तरूवं पुरिसं महतं..... 28 असंवुडा अणादीयं 6 असेसं अक्खयं वावि...... 7 अस्सिं च लोए अदुवा परत्था.. 174 92 128 159 167 73 74 109 268 31 256 104 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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