Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 720
________________ 357 ____P. 272 272 273 P. L. 266 31 जे यावि इत्यादि । ये चापि 2673 भूयाभिसंकाए इत्यादि । भूतानां 267 23 सिणायगाणं तु इत्यादि । तुशब्दो 267 32 दयावरमित्यादि । दया 268 26 अव्वत्तरूपमित्यादि । पुरि 269 __13 लोयमित्यादि । लोक 269 26 जे गरहियमित्यादि । असर्वज्ञ 2703 संवच्छरेण इत्यादि । संवत्सरेण 271 15 नाम इत्यादि । तत्र 271 26 पज्जत्तिभावे इत्यादि । पर्याप्तिभावः 27131 पडिसेहणेत्यादि । सत्य 271 34 नालंदाए इत्यादि । नालन्दायाः 275 276 276 277 278 279 281 281 L. 3 तेणं कालेणमित्यादि । अस्य 22 से णं लेप इत्यादि । णमिति 20 पासावच्चिज्ज इत्यादि । पार्श्वनाथशिष्य 30 सवायं उदए इत्यादि । सद्वाचं 1 भगवं च णमित्यादि । णमिति 42 तसा वीत्यादि । त्रसा 35 सवायं उदाए इत्यादि । सद्वाचं 4 सवायमित्यादि । सद्वाचं 28 भगवं च णमित्यादि । भगवानेव 4 भगवं च णं उदाहु इत्यादि । पुनरपि 24 भगवं च णमित्यादि । भगवानाह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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