Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas
View full book text ________________
375
214
225
21
-
-
-
217
225
217 217 218 218 219
220
P. L. शुद्धः पाठः 214 14 सोवरिणयंतिये ति 214 18 °दिभिः भवति, तथा
29 वर्तयिष्यामी
कुप्येत् 22 खलके वाऽल्प [प्र०] 26 जहृका खलुका वा [प्र.] 33 विगिच्छइ त्ति [प्र.] 8 'मगारिणाम 23 दर्शकस्य दर्शनादीनि [प्र.] 26 स्नातः स्नानादिविलेपना 15 विषयार्ताः 28 केवलिकं [प्र.]
3 °नमाश्रित्याह 219 41 विभाग मा(पा ?)ख्यायते [प्र०]
9 छिद कर्णादिकं भिंद 220 ll उत्कञ्चन [प्र.] 220 15 एतैरुत्कञ्चनादिभिः [प्र०] 220 18 चोकञ्चा [प्र०] 220 19 दुःखानुनेया 220 28 यावज्जीवयाऽप्रतिविरता 220 30 प्रविस्तरविधेः
32 वेगसरादिद्वय [प्र०]
11 °वकर्तनादिना 22134 रूपककार्षा 221 16 संचित्योपचित्य 221 22 धूनं प्राग्बद्धं 221 41 °कर्दमविलिप्तत्वात्
ll निम्नं [प्र.] 222 14 मेष पाख्यातः [प्र०] 223 20 तत्र च साधु 223 24 मनन्तरं मोक्ष 223 33 सुसाध्विति एतद्वि० 224 21-22 न्तीति । ते चैकस्मात्224 22-23 नीति । एवमन्यस्मादपि 224 24 °द्यन्त्रपीलन 22433 नागरकाः [३०] 22440 मौनीन्द्रशासनेन न
____P. L. शुद्धः पाठः 225 1 सद्दर्शनलाभे न कस्यचिद् बिभ्यति, शोभन
मार्गपरिग्रहेणोद्घाटितशिरसो विश्रब्धं तिष्ठ
न्तीति । अचियत्त:
12 अधार्मिकाश्च तदुभय॰ [प्र०] 225 16 °त्यविरतिविरत्याश्रयेण
18 सर्वाण्यप्यकारिण 225 22 विरताविरति 225 23 रूपं
24 °माश्रयेण 225 25 धर्माधर्मपक्षसमाश्रयेण
अनयोरेवान्तर्वर्ती 225 31 समनुगम्यमाना 225 32 °मनुपशान्तं चाधर्मपक्ष' 225 36 तेषामिति, तथा अज्ञान 226 1 सन्ततिविच्छेद 226 13 [वान]प्रस्थदान 226 7 पक्षसमाश्रिताः 226 9 पक्षसमाश्रिताः 227 17 स्तम्भनं विधत्त, 227 18 शमनादिनोपकारं कुरुतेति, 227 23 मेवं सर्वजन्तु 229 30 अग्दिर्शिनां 230 2 अयोगी य। 230 9 विदिश्युत्पत्ती 230 23 निष्ठितत्वादनन्तवीर्यत्वान्नाहार' 230
26 केवलज्ञानो 230 33 सूयते
19 विद्यते 231 21 °मन्तरेण च 233 4l यथा दवदग्धस्थलीषु 234 2 यथावकाशो गृह्यते 234 7 कम्मोवगा इति 234 38 श्चापरे 23438 तथाहि यो ह्यको [प्र.]
14 नानावर्णका 235 पृथिवीयोनिकेषु तृणेषूत्पद्यन्ते पृथिवीयोनिक
तृणशरीरं 235 24 मौषधि
231
NNNN
235
22
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764