Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas
View full book text ________________
339
240
13 दुवित
100
39
P. L. नियुक्तिगाथा 38 13 दुविहा वणस्सइजीवा...... 274 दुविहा उ पाउजीवा......
28 दुविहा उ वाउजीवा......
6 दुविहा खलु तसजीवा' 25 दुविहा बायरपुढवी ....." 18 दुविहा य तेउजीवा...... 21 दुविहा य पुढविजीवा......
दुविहा य भावसिज्जा..... 6038 दुविहो म होइ मोहो..... 174 14 दुविहो भावविमुक्खो'
57 38 देवकरू ससमससमा...... 288 30 देवीणं मणुईणं......
32 धम्ममि जो पमायइ......
26 नत्थि य सि अंगुवंगा' 176 17 नाइविगिट्ठो उ तवो......
8 नाणाविहसंठाणा...... 279 42 नाणं भविस्सइ एव . . . . . 1744 नाम ठवणविमुक्खो ...... 2508 नाम ठवण इरिया...."
9 13 नाम ठवणा दविए....... 19 15 नाम ठवणा पुढवी...... 11721 नाम ठवणा सम्म...... 100 4 नाम ठवणा सीयं 198 25 नामं ठवणुवहाणं...... 21 35 निउणो उ होइ कालो.....
23 निक्खमपवेसकालो ...... 176 निप्फाइयाय सीसा...... 101 3 निव्वाणसुहं सायं......
2 निस्संगया य छठे...... 45 ll नेरइयतिरियमणुया.......
39 पगईचउक्कगाणंतरे..... 42 पडिचोइनो य कुविनो
8 पडिलोमे सुद्दाई....... 250 30 पढमे उवागमण निग्गमो...... 2626 पढमे गहणं बीए..... 1556 पढमे नियगविहुणणा......
__P. L. नियुक्तिगाथा 117 12 पढमे सम्मावानो.....
33 पढमे सुत्ता अस्संजय त्ति 34 पण्णवगदिसट्ठारस .....
35 पण्णवगदिसाए पुण....." 39 12 पत्तेया पज्जत्ता सेढीए...... 38 16 पत्तेया साहारण......
29 पत्थेण व कुडवेण व...... 29 पत्थेण व कुडवेण व ..... 10 परवइ वागरणं पुण......
31 पयपंति य अणगारा'...." 213 17 पंचमगस्स चउत्थे......
3 पंच य महत्वयाई...... 214 2 पंच य महत्वयाई......
60 12 पंचसु कामगुणेसु य..... 279 13 पाणिवहे मुसावाए......
22 23 पायच्छेयण भेयण...... 135 37 पावोवरए अपरिग्गहे. 288 29 पाहण्णण उ पगयं...... 288
24 पाहण्णे महसदो...... 239 25 पिंडेसणाए जा णिज्जुत्ती...... [320 15] 23 11 पूढवि समारभंता......
19 पुढवी आउक्काए'..... 10 पुढवीए जे दारा वणस्सइकाए'.... '
8 पुढवीए निक्खेवो...... 29 पुढवी य सक्करा वालुगा'.....
पुवा य पुव्व दक्खिण...... 125 23 फलोदएणं मि गिहं पविट्ठो...... 279 41 बद्धो य बंधहेऊ.....
26 बंभम्मी य चउक्क......
3 बायरपुढणिक्काइयपज्जतो...... 16 बिइअस्स य पंचमए...... 6 बिइउद्दसे श्रद्धो.......
9 बितियतरे नियमा'..... 17439 भत्तपरिन्ना इगिणि...... 250 14 भावइरिया उ दुविहा.....
46
15
19
175
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764