Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 700
________________ 337 259 40 176 DAI 22 P. L. नियुक्तिगाथा 28 6 एएहि कारणेहि पाउकाइए....... 34 15 एएहि कारणेहि० तेउका०'.... 11 एएहिं कारणेहिं० पुढविकाइए...... 7 एएहि कारणेहिं० वणस्सई...... 20 एएहि सरीरेहि...... 36 एएहि सरीरेहिं पच्चक्खं...... 5 31 एक्का मणस्सजाई...... 214 1 एगविहो पुण सो संजमु त्ति...... 39 33 एगस्स उ जं गहणं...... 13 एगस्स दुण्ह तिण्ह व...... 7 एगंतरिए इणमो......। 13 एवं वियाणिऊणं . . . . . . 16 एयासिं चेव अट्ठहमंतरा' 5 एवं तु समणुचिन्नं...... 15 18 एवं पकप्पियाणं........ 12538 एवं लग्गति दुम्मेहा......" 152 15 एसेव य उवएसो...... 59 7 प्रोदइयं उवदिट्ठा ..... 198 39 अोधूणण धुणण...... 2029 प्रोसहितणसेवाले .... 41 कप्पणि कुहाणि असियग....... 17420 कम्मयदव्वेहि समं...... 176 31 कह नाम सो तवोकम्मपंडिओ...... 41 किइकम्म भावकम्म ..... 24 किह मे हविज्जऽवंझो..... 22 25 किंची सकायसत्थं..... 18 किंची सकायसत्थं....... 22 किंची सकायसत्थं....... 41 15 किंची सकायसत्थं ...... 198 15 किं पुण अवसेसेहि...... 118 17 कुणमाणोवि निवित्तं ..... 118 14 कुणमाकोऽवियि किरिथं ...... 36 केई वहति अट्ठा...... 23 3 केई सयं वहती...... ll 3 केसिंचि नाढसण्णा ..... 11827 खवए ए खीणमोहे.... P L. नियुक्तिगाथा 125 31 णियं तु जमि खित्ते...... 135 26 खंतस्स इतस्स जिइ दियस्स...... 1259 खड्गपायसमासं'...." 279 32 गणियं निमित्त जुत्ती...... 268 24 गहणुग्गहम्मि अपरिग्गहस्स...... 279 33 गुणमाहप्पं इसिनाम० 23 17 गुत्ता गुत्तीहि सव्वाहि...... 8 गूढसिराण पण..... 31 गोमेज्जए य रूयगे...... ll चइऊण संकपयं..... चउकारभपरिसुद्ध..... 4 चक्काण णज्जमाइस्स.... 16 चत्तारि विचित्ताण ..... 31 12 चरणं दिसावज्जाण. . . . . . 27 चरणमि होइ छक्क...... 198 17 चरिया १ सिज्जा य २ परीसहा य३... 7 चंकमणे य ठाणे . . . . . . 19 32 चंदप्पह वेरुलिए....... . 135 17 चारो चरिया चरणं...... 3 छक्क पर इक्किक्क...... 6 छज्जीवणिया पढमे...... 21 छट्ठमि उ एगत्त..... 7 छप्पिय जीवनिकाए..... 16 जत्थ य जं जाणिज्जा...... 10 12 जत्थ य जो पण्णवो ...' 279 24 जम्माभिसेयनिक्खमण........ 32 जयमाणस्स परो जं....... 10 4 जस्स जो आइच्चो ...... 198 जह खलु मइलं...... 6 जह खलु सुसिरं कट्ठ.... 49 37 जह देवस्स सरीरं........ 36 जह देहप्परिणामो ..... जह वक्कं तह भासा...... 5 जह वा तिलसक्कुलिया' 39 जह सगलसरिसवाण...... 22 जह सव्वपायवाणं...... 277 173 120 61 31 278 34 जह 128 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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