Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

View full book text
Previous | Next

Page 701
________________ 338 P. L. नियुक्तिगाथा ...... 239 250 21 275 P. L. नियुक्तिगाथा 1026 जह सुत्तमत्तमुच्छिय...... 25 जह हत्थिस्स सरीरं14 8 जाणइ सयं मईए....... 214 13 जावोग्गहपडिमानो...... 7 1 जिससंजमो प्र लोगो..... 174 33 जीवस्स अत्तजणिएहि...... 7 16 जीवो छक्कायपरूवणा'." 1206 जे जिणवरा अईया...." 26 जे तिव्वप्परिणामा...... जे बायरपज्जत्ता पयरस्स...." 19 जे बायरपज्जत्ता पयरस्स...." 40 33 जे बायरपज्जत्ता पयरस्स" 7 जे बायरपज्जता पयरस्स....." 5 जे बायरपज्जत्ता पलिअस्स.... 12 जे बायरे विहाणा पज्जत्ता...... 8 जे मंदरस्स पुव्वेण...... 286 28 जो चेव होइ मुक्खो ..... 1989 जो जइया तियरो....... 39 36 जोणिब्भूए बीए....... 6 जो पुढवि समारंभइ...... 9 उज्झइ तिव्वकसानो" 33 णवबंभचेरमइयो..... 6140 णामं ठवणाकम्म'''''' 59 18 णामं ठवणा दविए....... 13 णामं ठवणा दविए...... 283 ण्हाणे पिणे तह धोपणे...... 131 7 तइए एसो अपरिग्गहो य...... 240 25 तइए जयंत छलणा..... 250 34 तइयं मि प्रदायणया...... 173 19 तइयं मि अंगचिट्ठा...... 279 40 तत्तं जीवाजीवा..... 17 25 तत्थ अकारि करिस्संति 118 21 तम्हा कम्माणीयं...... 3 तसकाए दाराई ताई........ 23 तस्सेगट्ठपवत्तण 279 19 तित्थगराण भगवनो..... 198 14 तित्थयरो चउनाणी...... 117 34 तिविहं तु भावसम्म 45 16 तिविहा तिविहा जोणि . . . . 28 तिविहा य दव्वसिज्जा...... 33 14 तेउस्स वि दाराइ'...... 16 तेरसपएसियं खलु...' 214 10 तेसि च रक्खणट्ठा" 213 10 थेरेहिष्णुग्गहट्ठा'.... 10 दव्व इरियानो तिविहा...... 57 1 दव्वगुणो दव्वं चिय..... 1747 दव्वविमुक्खो नियलाइसु" 279 8 दव्वं गंधंगतिलाइएसु.... 23 दव्वं जाणणपच्चकखाणे.. 20 दव्वं सत्थग्गिविसन्नेहं...... 22 दव्वं सरीरभविमो... 17 दव्वं सरीरभविप्रो.. 3 दव्वं संठाणाई...... 276 22 दव्वं संठाणाई...... 268 17 दव्वुग्गहो उ तिविहो 198 29 दब्वुवहाणं सयणे ..... 37 दव्वे खित्ते काले...... 239 25 दव्वे खित्ते काले सिज्जा ... 268 11 दव्वे खित्ते काले उग्गहो ..... 288 25 दव्वे खित्ते काले...... 27 दव्वे खित्ते काले भावपरि०...... 288 26 दव्वे खित्ते काले भावंमि०... 61 दब्वे. पंचविहो संसारो....... 29 दव्वे सच्चित्ताई...... 100 7 दव्वे सीयलदव्वं...... 212 21 दब्वोगाहण आएस...... 10 दहणे पयावण पगासणे...... 46 1 दसणनाणचरित्ते चरिया च....... 279 17 दंसणनाणचरित्ते तववेरग्गे 15 दाहिणपासंमि उ....... 10 5 दाहिणपासंमि य दाहिणा::. 9 29 दुपएसाइ दुरुत्तर.... 56 34 Jain Education Interational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764