Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 689
________________ 326 PL. उद्धृतः पाठः 119 26 सत्तरसयमुक्कोसं...... ___12 29 सत्यं पिशाचाः स्म...... 179 9 सदेव सर्व को नेच्छेत् ...... 127 36 सदैकोऽहं न मे कश्चित्...." __96 4 सद्देसु अ भयपावएसु..... 146 33 सन्मार्गे तावदास्ते प्रभवति...... 159 37 सप्ताहं कललं विद्यात् ...... 72 5 सम्प्राप्य मानुषत्वं...... 158 11 सम्भिन्नतालुशिरस...... 4 12 सरसो चंदणपंको..... 24 2 सर्व निकृष्टो जीवस्य..... 21 सर्वसुखान्यपि बहुशः...... 149 25 सनयनियतनगम....... 21 24 सव्वत्थोवा बादरपुढविकाइया...... 164 7 सब्वेऽवि जिणाणाए जहाविहिं ..... 53 39 सव्वेसि पि णयाणं...... 211 34 288 16 3 सव्वोऽवि किसलयो खलु...... 2 7 ससमयपरसमयविऊ ..... ll सह कलेवर दुःखमचिन्तयन्... 90 23 साध्यं यथाकथञ्चित्...... 114 15 सामण्णमणुचरंतस्स ..... ____P. L. उद्धृतः पाठः । 98 ll सावज्जणवज्जाणं...... 143 20 साहमिएहि संमुज्जएहिं ..... ___ 16 26 सीयादी जोणीमो चउरासीती....." 102 15 सुअइ सुअंतस्स सुग्रं ..... 17 7 सूखदुःखे मनूजानां...... 211 22 सुबहुं पि सुअमधीतं ....... 102 17 सुयइ य अयगरभूमो.... 10 सेढीसु णाणदसणपज्जाया..... 201 25 से बेमि जे य अईया..... 169 19 सोइंदियवस? णं भंते ! कइ कम्म पगडीओ..... 31 सोइं दियवसट्टणं भंते! जीवेकिंबंधइ....... 92 40 सोउं सोवणकाले ...... 3 सोही य उज्जुयभूयस्य 31 स्नानं मददर्पकर'..... 22 स्वकलत्रबालपुत्रक..... 137 33 स्वकृतपरिणतानां..... 695 स्वतोऽन्यत इतस्ततो ..... 12 11 स्वभावतः प्रवृत्तानां...... 75 42 स्वेच्छाविरचितशास्त्रः....... 53 35 हयं नाणं कियाहीणं..... 106 18 हीणभिण्णसरो दीणो..... 79 29 होऊण चक्कवट्टी..... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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