Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 690
________________ P. 15 153 23 73 151 191 75 28 190 15 171 29 109 1 16 11 88 31 90 16 250 152 1. 74 97 28 35 22 15 26 Jain Education International 19 9 9 36 40 19 31 36 3 25 228 185 251 237 41 सूक्ष्म श्राचाराङ्गमुत्राणां गद्यरूपाणामकारादिक्रमः L. करिस्सं च हं' अच्चेइ जाईमरणस्स अलोए परिजुण्णे अणभिक्कतं च खलु वयं प्राणाए एगे सोमठाणा प्रणाणाय पुट्ठावि प्रणुपविसित्ता गामं या H3COTA अन्ना णं पासए परिह 12 अपरिण्णायकम्मा खलु ****. श्रणुवीइ भिक्खू धम्ममाइ प्रणेगचित्ते खलु स धयं प्रणेगरूवाओ जोणीओ अस्थि मे आया यदिस्समागे कायविक्कयेसु अदुवा अदिन्नादाणं. अदुवा तत्थ परवकमंत 38 1 अभिभूय प्रण अब्भुवगए खलु वासावासे' अरइ आउट्टे से मेहावी अवि म हमे प्रणायमाणे ग्रह तत्व कंचि भुजमा ग्रह पुण एवं जाणिज्जा 20 ग्रह पुणेवं जाणिज्जा ग्रह भिषजाणिवा सत्त पिंडेसणाश्रो 168 249 248 161 121 160 19 भाउ लोगमाबाए 122 21 164 20 आगयपन्नाणाणं 24 अहम्मट्ठी तुमंस नाम अहावरा चउत्था पडिमा 36 श्रहावरा दुच्चा पडिमा 10 अहेगे धम्ममायाय 7 अहो अ राम्रो य जयमाणे आधाइ नाणी इह माणवाणं P 91 50 159 242 242 242 243 243 242 153 136 139 138 132 123 128 85 109 183 248 263 249 239 71 17 128 127 244 245 25 33 27 आयाण भो सुस्सूस आयाण० भि० गाहा० अगणिकायं प्रयाण० भि० ० गाहा० कुडले वा 41 आयाण० भि० गाहा० तासि० एवं 28 32 27 25 22 21 22 22 22 30 33 27 3 13 28 20 16 सूत्रम् आययचक्खू लोग विपस्सी आयंकदंसी हित वृत्तपुब्वं आयाण० भि० गाहा० विरूव० दारुयाइ प्रयाण० भि० गाहा० निरू० भोयणजाए For Private & Personal Use Only प्रयाण० भि० सागारिए० अन्नमन्नं अक्कोसंति आवट्टं तु पेहाए इत्थ धावंती अपरिम्गहावंती घावंती परिग्गहावंती.... घाती विष्परासंति ० यावंती प्रणारंभजविणो श्रावंती समणा य माहणा य आवीलए पवीलए श्रसं च छन्दं च विगिच ० ..... आसेवित्ता एवं माहारोवच्या देहा इच्चेइयाई श्रायतणाई इच्बेवामा इच्चेयाणं पठणं परिमाणं इन्वेयासि सत्त पिडेस० इच्चेवं समुट्ठिए: इमस्स चेव जीवियस्स 7 3 25 32 10 इमं निरुद्धाउयं संपेहाए 24 इह प्राणाखी पंडिए 40 इह खलु धणभिनत किरिया... 36 इह खलु प्रप्यसाकिरि० www.jainelibrary.org

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